नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) ओमान के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत प्राकृतिक शहद, काजू, आलू, ‘बोनलेस मीट’ और बेकरी उत्पाद जैसे भारत के कई कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद खाड़ी देश में बिना किसी शुल्क के बिक सकेंगे।
इससे इन वस्तुओं के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है।
ओमान ने पनीर, दही, दूध और क्रीम, ‘फ्रोजन फिश’, मक्खन, मांस, योगर्ट, ब्रेड, पेस्ट्री, केक, चॉकलेट, चीनी से बने उत्पाद और मिनरल वाटर जैसे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और पशु और वनस्पति वसा एवं तेलों पर शुल्क हटाने की पेशकश की है।
वर्तमान में ओमान में इन वस्तुओं पर पांच से 100 प्रतिशत तक का शुल्क लगता है।
दूसरी ओर, भारतीय उपभोक्ताओं को ओमान से सस्ते खजूर मिलेंगे, क्योंकि भारत हर साल 2,000 टन खजूर पर कोई भी आयात शुल्क नहीं लगाएगा।
भारत ओमान के दो पारंपरिक उत्पादों गोंद अरबी (जिसका उपयोग भोजन, दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है) और लोबान (जिसका उपयोग धूपबत्ती और इत्र क्षेत्र में किया जाता है) को भी रियायतें देगा।
ये सभी प्रावधान व्यापक आर्थिक भागेदारी समझौते (सीईपीए) का हिस्सा हैं, जिस पर बृहस्पतिवार को मस्कट में हस्ताक्षर किए गए।
ओमान ने 2024 में छह अरब डॉलर मूल्य के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का आयात किया।
एक अधिकारी ने कहा, ‘भारत और ओमान के बीच हुए सीईपीए समझौते से भारतीय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य क्षेत्र पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।’
अधिकारी ने कहा कि शुल्क में छूट से भारतीय उत्पाद ओमान को निर्यात करने वाले प्रमुख कृषि निर्यातकों या खाड़ी देशों के व्यापार समझौते के साझेदारों जैसे अमेरिका, सिंगापुर और ईएफटीए देशों के उत्पादों के बराबर हो जाएंगे।
भाषा योगेश रमण
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