संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती: अमेरिका

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती: अमेरिका

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती: अमेरिका
Modified Date: April 19, 2024 / 11:02 am IST
Published Date: April 19, 2024 11:02 am IST

वाशिंगटन, 19 अप्रैल (भाषा) अमेरिका की एक शीर्ष राजनयिक ने भारत के इस रुख का समर्थन किया है कि 70 साल पहले की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती और उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन जी-4 सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष निकाय का स्थायी सदस्य बनाने का समर्थन करता है।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने तोक्यो में एक भाषण के दौरान संकेत दिया कि सुरक्षा परिषद में रूस और चीन ही केवल ऐसे देश हैं जो संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय शक्तिशाली शाखा के विस्तार का विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पहले अमेरिका, चीन और रूस इस बात पर सहमत थे कि हम सुरक्षा परिषद में बदलाव नहीं देखना चाहते, लेकिन 2021 में अमेरिका ने अपने इस रुख में बदलाव किया और हमने स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा परिषद और व्यापक रूप से संयुक्त राष्ट्र में सुधार महत्वपूर्ण है।’’

 ⁠

ग्रीनफील्ड ने कहा, ‘‘70 साल पहले की सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती। हमारे पास 193 (सदस्य देश) हैं। परिषद में अफ्रीका के पास स्थायी सीट नहीं है, लातिन अमेरिका के पास स्थायी सीट नहीं है और दुनिया भर के कई अन्य देशों और क्षेत्रों का परिषद में उचित प्रतिनिधित्व नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने तथाकथित जी-4 के सदस्यों – जापान, जर्मनी और भारत (और ब्राजील) के साथ अपनी चर्चा में स्पष्ट कर दिया है कि हम सुरक्षा परिषद में उनके स्थायी सदस्य बनने का समर्थन करते हैं।’’

भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए वर्षों से जारी प्रयासों में सबसे आगे रहा है। उसका कहना है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में जगह पाने का हकदार है और परिषद अपने मौजूदा स्वरूप में 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती।

यूएनएससी के इस समय पांच स्थायी सदस्य हैं – चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका। केवल स्थायी सदस्यों के पास ही वीटो का इस्तेमाल करने की शक्ति होती है।

भाषा सिम्मी शोभना

शोभना


लेखक के बारे में