United State on India-Pakistan War || Image- IBC24 News File
United State on India-Pakistan War : न्यूयॉर्क: अमेरिका ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘सीधे संवाद’’ को प्रोत्साहित करता है तथा शांति का रास्ता चुनने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सराहना करता है। भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक जारी रहे ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष समाप्त करने को लेकर शनिवार को सहमति बनी। भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच बातचीत के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी और इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रधान उप प्रवक्ता थॉमस पिगॉट ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम भारत एवं पाकिस्तान के बीच ‘संघर्ष विराम’ का स्वागत करते हैं तथा शांति का रास्ता चुनने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और शरीफ की सराहना करते हैं। जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, उनका निर्णय शक्ति, बुद्धिमत्ता और धैर्य को दर्शाता है।’’
United State on India-Pakistan War : उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों पक्षों से क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सीधा संवाद कायम रखने का आग्रह करते हैं।’’ जब पिगॉट से पूछा किया कि क्या पाकिस्तानी नेताओं ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत के दौरान ऐसी कोई प्रतिबद्धता जताई है कि वे (पाकिस्तान) आतंकवादी ढांचे को नष्ट कर देंगे तो प्रवक्ता ने कहा कि वह निजी राजनयिक वार्ता के बारे में बात नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले कुछ दिनों से जो कह रहे हैं, मैं वही दोहरा सकता हूं कि हम इस सप्ताहांत भारत और पाकिस्तान के बीच हुए ‘संघर्षविराम’ का स्वागत करते हैं तथा शांति का रास्ता चुनने के लिए दोनों प्रधानमंत्रियों की सराहना करते हैं।’’ प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा की थी।
United State on India-Pakistan War : उन्होंने कहा, ‘‘वह (ट्रंप) इस मामले में बहुत स्पष्ट थे। हम पक्षकारों के बीच सीधे संवाद को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। इसको लेकर हम बहुत स्पष्ट हैं।’’ भारत द्वारा मध्यस्थता के किसी भी अमेरिकी प्रयास को अस्वीकार करने तथा भारत एवं पाकिस्तान को वार्ता के लिए एक ही कमरे में लाने की अमेरिका की उम्मीद को लेकर सवाल पूछे जाने पर पिगॉट ने कहा, ‘‘मैं इसे लेकर अटकलें नहीं लगाऊंगा। मैं यही कह सकता हूं कि हम सीधे संवाद को प्रोत्साहित करते हैं। हम इस बात को लेकर स्पष्ट हैं। हम सीधे संवाद को प्रोत्साहित करना जारी रखे हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति इस बारे में स्पष्ट हैं और जैसा कि मैंने कहा, राष्ट्रपति ने शांति की राह चुनने और इससे जो बुद्धिमत्ता और दृढ़ता का परिचय मिलता है, उसके लिए दोनों प्रधानमंत्रियों की स्पष्ट रूप से प्रशंसा की है।’’ यह पूछे जाने पर कि कथित परमाणु विकिरण के रिसाव की रिपोर्ट के बाद क्या अमेरिका ने पाकिस्तान में टीम भेजी है, उन्होंने कहा कि इस समय उनके पास इस मामले पर कहने के लिए कुछ नहीं है।
United State on India-Pakistan War : उन्होंने कहा कि अमेरिका ‘‘संघर्ष विराम’’ को देखकर खुश है। पिगॉट ने कहा, ‘‘हम इसे देखकर खुश हैं। हमारा ध्यान इसी पर केंद्रित है। हम ‘संघर्ष विराम’ को बनाए रखना चाहते हैं और हम सीधे संवाद को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। हमारा ध्यान ‘संघर्ष विराम’ पर है। हमारा ध्यान सीधे संवाद को प्रोत्साहित करने पर है। हमारा ध्यान यहीं केंद्रित रहने वाला है। राष्ट्रपति ने इस पर बात की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘…राष्ट्रपति ट्रंप शांति निर्माता हैं। वह एक शांति निर्माता हैं। वह शांति को महत्व देते हैं।… उन्होंने बार-बार यह दिखाया है कि वह ‘अमेरिका प्रथम’ एजेंडे को आगे बढ़ाने के साथ-साथ शांति भी चाहते हैं। वह संघर्ष को समाप्त होते देखना चाहते हैं।’’ पिगॉट ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में दोहराया कि अमेरिका ‘‘संघर्ष विराम’’ से खुश है।
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“अमेरिका भारत और पाकिस्तान को सीधे संवाद के लिए प्रोत्साहित करता रहेगा…”
– कश्मीर पर मध्यस्थता से जुड़े सवाल पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय pic.twitter.com/6ULRRm4m4p
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) May 16, 2025
United State on India-Pakistan War : उन्होंने कहा, ‘‘हम पक्षों के बीच सीधा संवाद देखना चाहते हैं। जब दुनिया भर के क्षेत्रों में मौजूद संघर्षों को हल करने की बात आती है, तो राष्ट्रपति उन संघर्षों को हल करना चाहते हैं जहां वे ऐसा कर सकते हैं।’’ भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत छह और सात मई की दरमियानी रात पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। पहलगाम में हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे। भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया, जिसका भारत ने समुचित जवाब दिया। सैन्य कार्रवाई रोकने पर दोनों देशों के बीच 10 मई को सहमति बनी।