संयुक्त राष्ट्र, चार सितम्बर (भाषा) संयुक्त राष्ट्री की एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अफगानिस्तान में पिछले कुछ हफ्तों में हिंसा से अविश्वास और जोखिम का माहौल उत्पन्न हो रहा है, जो अफगान सरकार और तालिबान के बीच जल्द ही शुरू होने वाली शांति वार्ताओं को प्रभावित कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि फरवरी में अमेरिका और तालिबान ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये थे, जिसमें अफगानिस्तान के विभिन्न पक्षों के बीच वार्ता को लेकर सहमति बनी थी।
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इस समझौते के साथ ही करीब 20 साल से युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से अमेरिका के बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया था। समझौते में तय हुआ था कि तालिबान अफगानिस्तान को आतंकवादी समूहों से मुक्त कराएगा।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की अफगानिस्तन में विशेष प्रतिनिधि डेबोरा ल्योंस ने कहा कि संघर्ष का राजनीतिक हल निकलना ऐतिहासिक होगा।
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ल्योंस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘ चार दशक के युद्ध के बाद अफगानिस्तान के लोग इस विनाशकारी संघर्ष, जिससे सब प्रभावित हुए हैं, उसके अंत होने की कामना करते हैं।’’
उन्होंने आने वाली प्रक्रिया के लंबे और चुनौतिपूर्ण होने को लेकर भी आगाह किया।
ल्योंस ने कहा, ‘‘ हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि हिंसा के परिणाम भयावह ही होंगे। संघर्ष से हर सप्ताह अफगानिस्तान के सैकड़ों लोग मारे जाएंगे और घायल होंगे। जैसे कि हम शांति वार्ता की ओर बढ़ रहे हैं, हिंसा से अविश्वास और जोखिम का माहौल उत्पन्न हो रहा है, जो शांति वार्ता को प्रभावित कर सकता है।’’
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