Reported By: Santosh Malviya
,MPPSC 2023 RESULT DECLAREED/ image source: IBC24
MPPSC 2023 Result Declared: मध्य प्रदेश: कहते हैं, जहां चाह, वहां राह…और इस कहावत को साकार कर दिखाया है मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के छोटे से गांव गुगलवाड़ा के भुवनेश चौहान ने। गरीबी और सीमित संसाधनों के बावजूद भुवनेश ने कभी हार नहीं मानी और आज वे एमपीपीएससी 2023 परीक्षा में प्रदेशभर में दूसरा स्थान हासिल कर एसडीएम (SDM) बने हैं।
भुवनेश की कहानी संघर्ष, उम्मीद और मेहनत की मिसाल है। उनके पिता शेर सिंह चौहान गांव में समोसे की दुकान चलाते हैं। साधारण परिवार में जन्मे भुवनेश ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव में ही पूरी की। 10वीं के बाद वे बेहतर शिक्षा के लिए भोपाल चले गए और फिर इंदौर व भोपाल में रहकर एमपीपीएससी की तैयारी शुरू की। कठिनाइयों और सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार मेहनत करते रहे।
MPPSC 2023 Result Declared: बीते वर्ष भुवनेश का चयन डीएसपी के पद पर हुआ था और वे इस समय पुलिस अकादमी भोपाल में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इससे पहले वे पटवारी के रूप में चयनित होकर बैतूल में कार्य कर चुके हैं। इतना ही नहीं, उन्हें वन विभाग में एसडीओ के लिए भी चयन मिला था, लेकिन उन्होंने प्रशासनिक सेवा का सपना पूरा करने के लिए वह पद ज्वाइन नहीं किया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने एमपीपीएससी 2023 में दूसरा स्थान प्राप्त कर अपने परिवार और जिले का नाम रोशन किया।
MPPSC 2023 Result Declared: जब एमपीपीएससी का परिणाम जारी हुआ, तो गांव गुगलवाड़ा में खुशी की लहर दौड़ गई। पिता शेर सिंह चौहान की आंखों में गर्व और खुशी के आंसू छलक उठे। जो पिता रोज गांव में समोसे बेचकर अपने बेटे की पढ़ाई का खर्च उठाते थे, आज वही बेटा प्रशासनिक अधिकारी बनकर गांव का नाम ऊंचा कर गया। भुवनेश के परिवार में दो बेटियां हैं जिनकी शादी हो चुकी है और छोटा बेटा इंजीनियर है। अब बड़ा बेटा एसडीएम बन चुका है। भुवनेश ने अपने पिता से कहा, “अब आप समोसे की दुकान बंद कर दीजिए, अब मैं संभालूंगा।”
MPPSC 2023 Result Declared: वहीं, एमपीपीएससी रिजल्ट 2023 में अजीत मिश्रा ने पहला स्थान (966 अंक) प्राप्त किया, जबकि भुवनेश चौहान (941.75 अंक) और यशपाल स्वर्णकार (909.25 अंक) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। कुल 229 पदों के लिए हुई इस परीक्षा में महिलाओं ने भी शानदार प्रदर्शन किया। केवल 6 पद महिलाओं के लिए आरक्षित थे, लेकिन अपनी योग्यता के दम पर उन्होंने 13 पदों पर सफलता हासिल की।