स्कूलों में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने कटऑफ अंक विवाद पर दिया अहम फैसला

स्कूलों में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने कटऑफ अंक विवाद पर दिया अहम फैसला

  •  
  • Publish Date - May 6, 2020 / 10:34 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

लखनऊ। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती के कटऑफ अंक विवाद पर बुधवार को फैसला आ गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिया है कि तीन माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए। इस आदेश के तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 65 फीसदी और अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 60 फीसदी अंक पाकर उत्तीर्ण होंगे।

ये भी पढ़ें:मनरेगा से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पटरी पर, सीएम की पहल और निर्देश पर एक महीने मे…

बता दें कि कोर्ट ने सुनवाई के बाद तीन मार्च 2020 को फैसला सुरक्षित कर लिया था। यह भर्ती कटऑफ अंक विवाद के कारण करीब डेढ़ वर्ष से अधर में फंसी थी। प्रदेश के करीब चार लाख से ज्यादा अभ्यर्थी निर्णय का इंतजार कर रहे थे। कोर्ट के फैसले के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला देते हुए मानकों को सही माना है।

ये भी पढ़ें: नहीं होगी 10वीं बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं, मानव संसाधन मंत्रालय ने…

हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता सर्वेश प्रताप सिंह व अन्य की याचिका पर फैसला सुनाया है। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए पांच दिसंबर 2018 को एक शासनादेश जारी कर अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। छह से 20 दिसंबर 2018 तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए। इस परीक्षा के लिए 4,31,466 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था और लिखित परीक्षा छह जनवरी 2019 को राज्य के 800 परीक्षा केंद्रों पर कराई गई थी। परीक्षा में 4,10,440 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जबकि 21,026 परीक्षार्थियों ने परीक्षा नहीं दी थी।

ये भी पढ़ें: लेखापाल के 5200 पदों पर होगी भर्ती, लॉकडाउन खत्म होते ही शुरू होगी …

भर्ती विज्ञापन में न्यूनतम कटऑफ अंक की बात तो की गई थी, किंतु कटऑफ कितने प्रतिशत होगा इसका जिक्र शासनादेश में नहीं था। लिखित परीक्षा के अगले दिन सात दिसंबर 2019 को न्यूनतम कटऑफ की घोषणा की गई। इसके तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 150 में 97 और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 150 में 90 अंक लाने होंगे। यानी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 65 फीसद और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 60 फीसद अंक पर पास किया जाएगा। इसी कटऑफ को लेकर परीक्षार्थियों ने हाई कोर्ट लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।

ये भी पढ़ें: अब होम आइसोलेशन में रखे जाएंगे कोटा से आए छात्र, आज हॉस्टल से घर के…

उत्तर प्रदेश सरकार ने इससे पहले सितंबर 2018 में 68,500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में सामान्य व ओबीसी वर्ग के लिए 45 व आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसद कटऑफ अंक तय किया था। अभ्यर्थियों का एक वर्ग पुराना कटऑफ अंक लागू करने की मांग कर रहा है। वहीं, कई अभ्यर्थी शासन की ओर से जारी कटऑफ अंक के भी पक्ष में हैं। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है।