Himachal Two Brother Marriage, image source: social media
Himachal Two Brother Marriage: बीते जुलाई माह में सिरमौर के शिलाई गांव में प्रदीप नेगी और कपिल नेगी ने सुनीता से जोड़ीदार प्रथा के तहत शादी की थी। अब उनके पिता का कैंसर से निधन हो गया है। जिसके बाद उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दोनों भाइयों ने अब सोशल मीडिया पर इस घटना की जानकारी दी है।
दरअसल, सिरमौर जिले के शिलाई गांव के दो भाइयों ने बीते जुलाई में सुनीता नाम की लड़की से शादी की थी। जोड़ीदार प्रथा के तहत हुई इस शादी की चर्चा पूरे देश और प्रदेश में हुई थी। इस शादी ने मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी थी। अब दोनों भाइयों के पिता का निधन हो गया है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद शेयर की है।
Two Brother Marriage one bride: दोनों भाइयों ने अपने पिता की फोटो शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि “पापा, आपके जाने के बाद ज़िंदगी वैसी नहीं रही जैसी पहले थी। आप मेरे लिए सिर्फ पिता नहीं थे, बल्कि मेरी ताक़त, मेरा सहारा और मेरी दुनिया थे। आज भी जब मुश्किलें आती हैं तो आपकी यादों से हिम्मत जुटाता हूँ। आपके बिना घर सूना लगता है, और दिल अधूरा। आपने हमें सिखाया कि कैसे सच्चाई और ईमानदारी से जीवन जीना है, कैसे हालात चाहे जैसे भी हों, हिम्मत कभी नहीं हारनी चाहिए।
आगे दोनों भाइयों ने लिखा कि ”पापा, आपकी वो हर बात आज मेरे लिए रास्ता दिखाने वाली रोशनी बन गई है। आप चले गए, लेकिन आपका आशीर्वाद और आपकी दुआएँ हमेशा मेरे साथ हैं। मैं जानता हूँ कि ऊपर से आप हमें देख रहे हो, और हमारी हर खुशी-दुख में हमारे साथ खड़े हो। पापा, आप मेरी धड़कनों में हो, मेरी सांसों में हो, और हमेशा रहोगे। मिस यू पापा।
बता दें कि दोनों भाइयों के पिता लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। दोनों भाइयों की पोस्ट पर करीब एक हजार से अधिक कमेंट आए हैं और लोगों ने भी गहरा दुख जाहिर किया है।
गौरतलब है कि प्रदीप नेगी और कपिल नेगी ने जुलाई महीने में सुनीता नाम की युवती से शादी की थी। एक भाई जहां जलशक्ति विभाग में नौकरी करता है, वहीं, एक विदेश में शेफ है। उधर, हाटी समुदाय में यह प्रथा सदियों से चली आ रही है और पांच भाईयों की एक महिला से शादी करने के मामले सिरमौर के गिरिपार और उत्तराखंड के इलाकों में देखने को मिली है। हाटी समुदाय में यह प्रथा है और इसे ही जोड़ीदार प्रथा कहते हैं। संपति का बंटवारा ना हो, इसलिए यह प्रथा चलन में आई थी। इस प्रथा को पांडवों से भी जोड़ा जाता है क्योंकि, उन्होंने भी पांचाली से विवाह किया था।