Parenting mistakes: These mistakes of parents make brothers and sisters..

Parenting mistakes: पैरेन्ट्स की इन गलतियों से एक दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं भाई-बहन, कहीं आप तो नहीं कर रहे ये मिस्टेक..जानें

Parenting mistakes: पैरेन्ट्स की इन गलतियों से एक दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं भाई-बहन, कहीं आप तो नहीं कर रहे ये मिस्टेक..जानें

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:01 PM IST, Published Date : September 26, 2022/6:43 pm IST

दुनिया में भाई-बहन का रिश्ता एक ऐसा रिश्ता है, जो बहुत मजबूत होती हैं। भाई-बहन के रिश्ते में कभी खटास, कभी मिठास तो कभी अपनापन देखने को मिलता हैं। इस रिश्ते में न तो कोई भेद, न ही नफरत होती हैं। इस रिश्ते को भाई-बहन निःस्वार्थ भाव से निभाते हैं। दुःख, तकलीफ में एक- दूसरे के साथ खड़े होते हैं। यह ऐसा अनोखा रिश्ता हैं, जिसके सामने दुनिया के सारे रंग फीके पड़ जाते हैं। दुनिया के हर माँ-बाप चाहते हैं कि उनके बच्चे के बीच कभी मनमुटाव न हो वो सदैव एक- दूसरे से प्यार करें व साथ रहे। फिर भी पेरेंट्स कुछ ऐसी गलतियाँ कर जाते हैं, जिसके चलते बच्चों के बीच मनमोटाव आ जाता हैं। आइये जानते हैं, पेरेंट्स की गलतियाँ –

1. बच्चे के जन्म के बाद मां-बाप का प्यार और अटेंशन दो बच्चों में बंट जाना

हर घर की बात हैं कि पहले बच्चे को ज्यादा प्यार मिलता हैं। लेकिन दूसरे बच्चे के जन्म के बाद से माँ-बाप पहले बच्चे पर पहले जैसे ध्यान नहीं दे पाते जिसके वजह से पहले बच्चे के मन में मनमुटाव के भाव आ जाते हैं। अक्सर किसी के घर दूसरे बच्चे के जन्म के बाद पहले बच्चे को यह सिखाया जाता हैं कि तुम बड़े भाई या बड़ी बहन हो। माँ- बाप उनको अलग खिलौने, कमरे दे देते हैं। दूसरे बच्चे को लेकर पेरेंट्स इतने बिजी हो जाते हैं कि पहले बच्चे पर ध्यान नहीं दे पाते जिसके चलते कई दफा पहले वाले बच्चे के मन में दुरी के भाव भी पैदा हो जाते हैं।

2. माँ-बाप बच्चे की मनोदशा समझने में नाकाम

माँ- बाप की सबसे बड़ी गलती यह होती हैं कि वो बच्चे की मनोदशा नहीं समझते। दूसरे बच्चे के जन्म के बाद ऐसी स्थिति बन जाती हैं, कि माँ-बाप पहले बच्चे पर ध्यान नहीं दें पाते हैं। दूसरे बच्चे पर ज्यादा ध्यान देना, लाड- प्यार जताना यह सब देख कहीं न कहीं पहले बच्चे के मन में नाराजगी और गुस्सा होता हैं। जिसे बच्चे रो कर, चिड़चिड़ा कर या चीज़ें तोड़- फोड़ कर निकलते हैं। इस स्थिति में पेरेंट्स बच्चे की मन की बात नहीं समझते उल्टा बच्चे पर ही हावी हो जाते हैं। जिससे बच्चे के मन में छोटे भाई या बहन को लेकर नफरत पैदा होने लगती हैं।

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3. पेरेंट्स के द्वारा बच्चे को ‘शेयरिंग एंड केयरिंग’ का फॉर्मूला बताना

हर बच्चे की बात हैं कि वे अपने खिलौने, समान किसी दूसरे बच्चे के शेयर करना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में पेरेंट्स यह उम्मीद करते हैं कि वो अपने छोटे भाई या बहन से चीज़ें शेयर करें। इस उम्मीद से माँ-बाप बच्चे को ‘शेयरिंग एंड केयरिंग’ का फॉर्मूला भी सिखाते हैं। ऐसे में माँ- बाप का यह फ़र्ज़ बनता हैं कि बच्चे को प्यार से ‘शेयरिंग एंड केयरिंग’ के फॉर्मूला को बताते हुए चीज़ें शेयर करने में बच्चे को मजबूर न करें। मजबूर करने से बच्चे के मन में चिड़चिड़ के भाव पैदा होंगे।

4. अपने दोनों बच्चों में फर्क करना

बच्चों में जब भी लड़ाई होती हैं तो माँ-बाप का यहीं फर्ज बनता हैं कि दोनों को प्यार से समझाए। पेरेंट्स यह गलती करते हैं कि दोनो बच्चों के बीच लड़ाई हो रही हैं तो जिस बच्चे की गलती हैं उसे दूसरे बच्चे के सामने डाटकर मरते हैं। जिससे उस बच्चे के आत्मसम्मान को चोट पहुँचती हैं। उसे दूसरे बच्चे के सामने शर्मिंदा होना पड़ता हैं। जिससे उस बच्चे के मन में अपने छोटे भाई या बहन के साथ पेरेंट्स के लिए भी नाराजगी पैदा हो जाती हैं। पेरेंट्स का यह फ़र्ज़ होना चाहिए कि दोनों बच्चों की लड़ाई में दोनों को प्यार से उनकी गलती बता कर समझाए न कि किसी एक की गलती में उसे डाटे और दूसरे बच्चे का साइड लें।

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5. एक-दूसरे की तरह बनने की सीख देना

सारे बच्चों के व्यक्तिगत व्यवहार, आदतें, रहन-सहन, खान- पान व दिमाग अलग- अलग होते हैं। सारे बच्चों में कुछ न कुछ खास बात होती हैं। कोई बच्चा शांत होता हैं, तो कोई शैतान, कोई ज़िद्दी होता हैं। ऐसे में किसी एक बच्चें की अच्छी आदत को देख दूसरे बच्चे को उसके जैसे बनने बोलना या गलत बात होती हैं, लेकिन माँ- बाप अक्सर ऐसी गलती करते हैं, दोनों की तुलना बच्चे को उसके जैसे बनने की सिख देते हैं। ये सिलसिला बस बचपन तक नहीं होती हैं, यह बड़े बच्चों में भी होते हैं। जिसके चलते एक बच्चा दूसरे बच्चे से अपने आपको तुलना कर होशियार समझता हैं और उसे शर्मिंदा करता हैं। इससे दूसरे बच्चें के मन में ईष्या के भाव पैदा होते हैं। जिससे दोनों के बीच ताल-मेल नहीं जमता हैं।

यहीं सारे कारणों से काफी बच्चें के बीच रिश्ते मजबूत नहीं बन पाते हैं। पेरेंट्स की गलतियाँ अक्सर भाई-बहन के रिश्तों में देखने को मिलती हैं।

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