डाक टिकट संग्रहण का शैक्षणिक मूल्य अत्यधिक है: राज्यपाल

डाक टिकट संग्रहण का शैक्षणिक मूल्य अत्यधिक है: राज्यपाल

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  • Publish Date - February 25, 2022 / 01:49 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 02:43 AM IST

पटना, 24 फरवरी (भाषा) बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने राज्य स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि डाक टिकट संग्रहण का शैक्षणिक मूल्य अत्यधिक है ।

भारत की आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के क्रम में बिहार डाक परिमंडल द्वारा 24 से 27 फरवरी तक ‘‘भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत’’ नामक विषय पर आयोजित की जा रही पहली राज्य स्तरीय ऑनलाइन डाक टिकट प्रदर्शनी ‘‘बिहार डिजिपेक्स-2022’’ के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए फागू चौहान ने कहा, ‘‘डाक टिकट संग्रहण एक शौक है, जिसका शैक्षणिक मूल्य अत्यधिक है। एक छोटा सा डाक टिकट मानव जीवन, कला, विज्ञान, संस्कृति इतिहास, प्रकृति आदि के बारे में काफी जानकारियां प्रदान करता है।’’

उन्होंने कहा, “ यह राष्ट्रों के बीच सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने और सार्वभौमिक भाईचारे को मजबूत करने का एक बड़ा माध्यम है।”

राज्यपाल ने कहा “ भारत की सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त समृद्ध है। भारतीय संस्कृति अनेक जीवन पद्धतियों का समन्वय है। यहां विभिन्न जातियों, धर्मों, समुदायों और पंथों के लोग निवास करते हैं, जिनकी अपनी-अपनी परम्पराएं और संस्कृति हैं पर इस विविधता के बावजूद भारतीय संस्कृति में एक अनूठी समरसता और एकता दृष्टिगोचर होती है।”

इस अवसर पर राज्यपाल ने बिहार राजभवन, धुआं मुक्त स्वच्छ गांव तथा बिहार के गुमनाम नायक (पीर अली खान एवं सात शहीद) से संबंधित विशेष आवरण का लोकार्पण भी किया।

कार्यक्रम को सांसद रविशंकर प्रसाद ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक नन्द किशोर यादव, पोस्टमास्टर जनरल अदनान अहमद, निदेशक (डाक सेवाएं) पवन कुमार तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

भाषा अनवर नोमान

नोमान