7वां वेतन आयोग : 35 हजार रुपए तक बढ़ेगा इन कर्मचारियों का वेतन, सरकार ने पूरी कर दी बड़ी डिमांड

गुजरात में हड़ताल पर बैठे 2000 से ज्‍यादा डॉक्‍टरों की एक बड़ी डिमांड गुजरात सरकार ने पूरी कर दी है। इससे उनकी सैलरी में बड़ा इजाफा होगा।

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  • Publish Date - August 24, 2021 / 10:55 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:49 PM IST

नई दिल्‍ली। 7th Pay Commission : गुजरात में हड़ताल पर बैठे 2000 से ज्‍यादा डॉक्‍टरों की एक बड़ी डिमांड गुजरात सरकार ने पूरी कर दी है। इससे उनकी सैलरी में बड़ा इजाफा होगा। गुजरात सरकार ने सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों और medical colleges के शिक्षकों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुरूप नॉन-प्रैक्टिस एलाउंस को मंजूरी दे दी है।

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7th Pay Commission : उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) नितिन पटेल, जिनके पास राज्य का स्वास्थ्य विभाग भी है, ने डॉक्टरों और मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों के लिए इसे त्‍योहारी उपहार के रूप में घोषित किया। शिक्षक इसके लिए दबाव बना रहे थे और यहां तक कि मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए थे। उनके Facebook पेज पर लिखा कि उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने सरकारी अस्पतालों के पात्र सेवारत डॉक्टरों और GMERS मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों को रक्षाबंधन उपहार के रूप में सातवें वेतन आयोग के अनुसार नॉन-प्रैक्टिस एलाउंस (एनपीए) को मंजूरी दी है।

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गुजरात चिकित्सा शिक्षक संघ (GMTA) के अध्यक्ष डॉ. रजनीश पटेल के मुताबिक नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (NPA) देशभर के डॉक्‍टरों को इसलिए मिलता है क्‍योंकि वे सरकारी सेवा में आने के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करते हैं। इसे 7th Pay Commission के तहत दिया जाता है। इस पे कमिशन में मेडिकल टीचरों और शिक्षकों के लिए स्‍पेशल मंथली अलाउंस का प्रावधान किया गया था। इसमें NPA को 10 हजार रुपए से 35 हजार रुपए महीना तय किया गया है। सरकार के इस कदम के बाद अब डॉक्‍टरों की Salary में 7th Pay Matrix के हिसाब से 10 हजार से लेकर 35 हजार रुपए तक का फायदा होगा।

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GMTA के अध्यक्ष डॉ. रजनीश पटेल ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक स्वागत योग्य कदम है कि सरकार ने जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों और सेवारत डॉक्टरों की लंबित मांगों को स्वीकार कर लिया है।’’

बता दें कि करीब दो हजार से ज्‍यादा रेजिडेंट डॉक्टर अनुबंध सेवा समय अवधि के मुद्दे और सातवें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन की मांग करते हुए 4 अगस्त की शाम से हड़ताल पर चले गए थे। इनमें से अधिकतर ने हाल में परास्नातक पाठ्यक्रम को पूरा किया है। ये डॉक्टर अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट, भावनगर और जामनगर में सरकारी मेडिकल कॉलेज के हैं।