(Petrol Diesel Price 12 November, Image Credit: IBC24 News File)
नई दिल्ली: Petrol Diesel Price 12 November: देशभर में हर दिन की शुरुआत सिर्फ नई रोशनी से नहीं, बल्कि पेट्रोल और डीजल की ताजा कीमतों से होती है। ये दाम सीधे आम आदमी की जेब पर प्रभाव डालते हैं। हर सुबह 6 बजे तेल विपणन कंपनियां (OMCs) नए रेट जारी करती हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और रुपये-डॉलर के विनिमय दर पर आधारित होते हैं। इन बदलावों का असर हर वर्ग पर पड़ता है, चाहे दफ्तर जाने वाला कर्मचारी हो या ठेले पर सब्जी बेचने वाला दुकानदार हो।
पेट्रोल और डीजल बनाने में इस्तेमाल होने वाला प्रमुख कच्चा माल क्रूड ऑयल है। जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसके दाम बढ़ते हैं, तो भारत में पेट्रोल और डीजल भी महंगे हो जाते हैं। इसलिए रोजाना की दरें जानना अब सिर्फ जानकारी नहीं, बल्कि समझदारी भी है। सरकार की यह प्रणाली पारदर्शिता सुनिश्चित करती है ताकि उपभोक्ताओं को सही और ताजा जानकारी मिलती रहे।
| शहर | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
| नई दिल्ली | 94.72 | 87.62 |
| मुंबई | 104.21 | 92.15 |
| कोलकाता | 103.94 | 90.76 |
| चेन्नई | 100.75 | 92.34 |
| अहमदाबाद | 94.49 | 90.17 |
| बेंगलुरु | 102.92 | 89.02 |
| हैदराबाद | 107.46 | 95.7 |
| जयपुर | 104.72 | 90.21 |
| लखनऊ | 94.69 | 87.8 |
| पुणे | 104.04 | 90.57 |
| चंडीगढ़ | 94.3 | 82.45 |
| इंदौर | 106.48 | 91.88 |
| पटना | 105.58 | 93.8 |
| सूरत | 95 | 89 |
| नासिक | 95.5 | 89.5 |
मई 2022 के बाद केंद्र और कई राज्य सरकारों ने टैक्स में कटौती की थी, जिसके चलते पेट्रोल और डीजल की कीमतें लंबे समय से स्थिर बनी हुई हैं। हालांकि वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है, फिर भी भारतीय उपभोक्ताओं को तुलनात्मक राहत मिल रही है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें सीधे क्रूड ऑयल के वैश्विक रेट पर निर्भर करती हैं। जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल महंगा होता है, तो घरेलू बाजार में भी इसका प्रभाव दिखता है।
भारत अपना अधिकांश तेल डॉलर में आयात करता है। इसलिए जब रुपया कमजोर होता है, तो तेल की लागत बढ़ जाती है और खुदरा कीमतें भी चढ़ जाती हैं।
केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट जैसे टैक्स लगाती हैं, जो खुदरा कीमत का बड़ा हिस्सा होता है। इसी वजह से अलग-अलग राज्यों में दामों में अंतर देखने को मिलता है।
कच्चे तेल को उपयोगी ईंधन में बदलने की प्रक्रिया में भी खर्च होता है। यह लागत तेल की गुणवत्ता और रिफाइनरी की कार्यक्षमता पर निर्भर करती है।
जब बाजार में ईंधन की मांग बढ़ती है, जैसे त्योहारों या यात्रा के मौसम में तो कीमतें भी ऊपर जाने लगती हैं।