महंगाई में नरमी के साथ वृद्धि को गति देने को नीतिगत दर में हो सकती कटौती: क्रिसिल इंटेलिजेंस

महंगाई में नरमी के साथ वृद्धि को गति देने को नीतिगत दर में हो सकती कटौती: क्रिसिल इंटेलिजेंस

महंगाई में नरमी के साथ वृद्धि को गति देने को नीतिगत दर में हो सकती कटौती: क्रिसिल इंटेलिजेंस
Modified Date: October 15, 2025 / 05:41 pm IST
Published Date: October 15, 2025 5:41 pm IST

कोलकाता, 15 अक्टूबर (भाषा) मुद्रास्फीति के मोर्चे पर अनुकूल स्थिति के साथ मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) वृद्धि को समर्थन देने के लिए नीतिगत दर में कटौती कर सकती है। क्रिसिल इंटेलिजेंस ने अक्टूबर, 2025 के लिए अपनी रिपोर्ट में यह कहा है।

एमपीसी ने एक अक्टूबर को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखा और तटस्थ नीतिगत रुख बनाए रखा।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘हमारा अनुमान है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति घटकर चालू वित्त वर्ष में 3.2 प्रतिशत हो जाएगी, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 4.6 प्रतिशत थी। मुद्रास्फीति के स्तर पर अनुकूल स्थिति एमपीसी को वृद्धि को समर्थन देने के लिए नीतिगत दरों में कटौती करने के लिए प्रेरित कर सकता है…।’’

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रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था की राजकोषीय स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में केंद्र के राजकोषीय घाटे को पिछले वित्त वर्ष के 4.8 प्रतिशत से घटाकर सकल घरेलू उत्पाद के 4.4 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा है।

सरकार की चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बाजार से 6.77 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की योजना है, जबकि पहली छमाही में यह आठ लाख करोड़ रुपये थी।

रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिलाकर, चालू वित्त वर्ष में सकल बाजार उधारी पांच प्रतिशत बढ़कर 14.7 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

क्रिसिल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल की कीमतें औसतन 62 से 67 डॉलर प्रति बैरल रहने की संभावना है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह औसतन 78.8 डॉलर प्रति बैरल थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 में चालू खाते का घाटा (कैड) सकल घरेलू उत्पाद के एक प्रतिशत के संतोषजनक स्तर पर रहने की उम्मीद है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में यह 0.6 प्रतिशत था।

भाषा रमण अजय

अजय


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