जीवन प्रत्याशा बढ़ने के साथ पेंशन का समुचित कवरेज जरूरीः पीएफआरडीए चेयरमैन |

जीवन प्रत्याशा बढ़ने के साथ पेंशन का समुचित कवरेज जरूरीः पीएफआरडीए चेयरमैन

जीवन प्रत्याशा बढ़ने के साथ पेंशन का समुचित कवरेज जरूरीः पीएफआरडीए चेयरमैन

:   Modified Date:  May 3, 2024 / 05:28 PM IST, Published Date : May 3, 2024/5:28 pm IST

नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन दीपक मोहंती ने शुक्रवार को कहा कि देश में उम्रदराज लोगों की संख्या और जीवन प्रत्याशा बढ़ने के साथ उन्हें समुचित पेंशन कवरेज देना जरूरी है।

उन्होंने यह भी कहा कि पर्याप्त सेवानिवृत्ति कोष तैयार करने के लिए केवल एक सामाजिक सुरक्षा योजना पर निर्भर रहना उचित नहीं है।

आधिकारिक बयान के मुताबिक, मोहंती ने कंपनियों के बीच ‘राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली’ (एनपीएस) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पीएफआरडीए की तरफ से महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित ‘गोलमेज बैठक’ में यह बात कही। इस बैठक में पुणे की 20 चुनिंदा कंपनियों के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी शामिल हुए।

इस बैठक का प्राथमिक उद्देश्य एनपीएस से कंपनियों को जोड़ना है। साथ ही उन्हें सेवानिवृत्ति योजना, नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए कर प्रोत्साहन समेत कॉरपोरेट एनपीएस के लाभ तथा एनपीएस अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना भी इसका मकसद था।

मोहंती ने बयान में कहा, ‘‘देश में उम्रदराज लोगों की बढ़ती संख्या और जीवन प्रत्याशा बढ़ने के साथ पर्याप्त पेंशन कवरेज होना जरूरी है। इसके साथ ही एक पर्याप्त सेवानिवृत्ति कोष तैयार करने के लिए केवल एक सामाजिक सुरक्षा योजना पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है।’’

उन्होंने कंपनियों से एनपीएस अपनाने पर विचार करने का आग्रह किया ताकि कर्मचारियों को एनपीएस में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान किया जा सके। साथ ही कंपनियों में एनपीएस लेने वालों की संख्या बढ़ाने के लिए कर्मचारियों को शिक्षित करने और प्रेरित करने को भी कहा।

पीएफआरडीए के मुताबिक, फिलहाल एनपीएस के तहत 16,060 कंपनियां जुड़ी हुई हैं जिनसे देश भर में कुल मिलाकर 19.68 लाख अंशधारक हैं।

पेंशन नियामक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अलावा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए अटल पेंशन योजना (एपीवाई) का विनियमन करता है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 27 अप्रैल तक एनपीएस और एपीवाई के अंशधारकों की कुल संख्या 7.38 करोड़ से अधिक हो गयी। वहीं प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति (एयूएम) 11.80 लाख करोड़ तक पहुंच गयी है। इसमें कंपनियों समेत निजी क्षेत्र के अंशधारकों की संख्या 55 लाख से अधिक है।

भाषा

अनुराग रमण प्रेम

प्रेम

 

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