आरबीआई ने महंगाई बढ़ने की आशंका के कारण नीतिगत दर को रखा बरकरार: बैठक ब्योरा

आरबीआई ने महंगाई बढ़ने की आशंका के कारण नीतिगत दर को रखा बरकरार: बैठक ब्योरा

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  • Publish Date - August 24, 2023 / 06:51 PM IST,
    Updated On - August 24, 2023 / 06:51 PM IST

मुंबई, 24 अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से महंगाई पर पड़ने वाले असर की आशंका के चलते नीतिगत दर रेपो को यथावत रखने का विकल्प चुना।

रिजर्व बैंक ने 10 अगस्त को अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था।

एम डी पात्रा, शशांक भिडे, आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और राजीव रंजन सहित सभी छह सदस्यों ने नीति दर पर यथास्थिति रखने के पक्ष में मतदान किया था।

बृहस्पतिवार को जारी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के ब्योरे के अनुसार दास ने कहा, ‘‘ हमारा काम (मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने का) अब भी पूरा नहीं हुआ है। सब्जियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर…मौद्रिक नीति खुदरा मुद्रास्फीति पर इसके प्रारंभिक प्रभाव को देख सकती है।’’

आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। केंद्रीय बैंक का इसे चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य है।

गवर्नर ने कहा, ‘‘ साथ ही खाद्य कीमतों के आगे भी व्यापक मुद्रास्फीति पर दबाव बनाने और मुद्रास्फीति बढ़ने को लेकर जो आशंका है, उसे नियंत्रित करने के लिए जोखिम को पहले से ही भांपने तथा उससे निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।’’

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर पात्रा ने कहा कि मुद्रास्फीति को निर्धारित लक्ष्य तक नीचे लाने के एमपीसी के उद्देश्य के लिए मुख्य मुद्रास्फीति (कोर इनफ्लेशन) में निरंतर कमी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।

भाषा निहारिका रमण

रमण

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