(RBI New Rules/ Image Credit: RBI)
नई दिल्ली: RBI New Rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जुलाई में जारी मसौदे पर मिली प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए डिजिटल चैनलों के जरिए बैंक सेवाएं प्रदान करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे। इनके तहत बैंकों की मंजूरी प्रक्रिया और भी कड़ी होगी, ग्राहक सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा और पारदर्शिता तथा शिकायत निवारण को मजबूत बनाया जाएगा।
नए नियम उन लगातार मिल रही शिकायतों के कारण लाए गए हैं, जिनमें कहा गया था कि बैंक ग्राहकों को मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए मजबूर कर रहे थे, ताकि वे इंटरनेट बैंकिंग या कार्ड सेवाओं का उपयोग कर सकें। आरबीआई का मकसद है कि ग्राहक पर किसी भी सेवा को जबरदस्ती थोपने की प्रथा खत्म की जाए और उनके अनुभव को बेहतर बनाया जाए।
डिजिटल बैंकिंग चैनल वे माध्यम हैं जिनके जरिए बैंक इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म्स के जरिए सेवाएं प्रदान करते हैं। इनमें पूरी तरह लेन-देन वाली सेवाएं जैसे लोन, फंड ट्रांसफर के साथ-साथ केवल जानकारी देखने वाली सेवाएं जैसे बैलेंस चेक या स्टेटमेंट डाउनलोड करना शामिल है।
उद्योग जगत ने सुझाव दिया था कि इन नियमों को NBFCs और फिनटेक कंपनियों पर भी लागू किया जाए, लेकिन फिलहाल RBI ने इन्हें केवल विभिन्न श्रेणियों के बैंकों के लिए लागू किया है। हालांकि, यदि बैंक किसी फिनटेक या थर्ड पार्टी को सेवाएं आउटसोर्स करते हैं, तो बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे प्रदाता सभी नियमों का पालन करें।
कोई भी बैंक जिसके पास मजबूत कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) और IPv6 आधारित आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर है, वह ‘केवल देखने’ वाली डिजिटल सेवाएं दे सकता है। लेकिन किसी भी प्रकार का वित्तीय लेन-देन उपलब्ध कराने से पहले बैंक को RBI की पूर्व अनुमति लेनी होगी। साथ ही साइबर सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता और आंतरिक नियंत्रण से जुड़े कई मानकों को भी पूरा करना होगा।
नए नियम के तहत ग्राहक की स्पष्ट और दस्तावेजी सहमति के बिना डिजिटल सेवाएं न तो चालू की जा सकती हैं और न बंद। ग्राहक के लॉग-इन करने के बाद बैंक किसी भी थर्ड पार्टी उत्पाद को तब तक नहीं दिखा सकेंगे जब तक ग्राहक खास तौर पर अनुमति न दें। इसके अलावा हर वित्तीय और गैर-वित्तीय लेन-देन पर SMS या ईमेल अलर्ट भेजना अनिवार्य होगा। जहां दो नियम लागू होते हैं, वहां हमेशा सबसे सख्त नियम लागू माना जाएगा।
ग्राहक अब डिजिटल बैंकिंग अपनाने के लिए बाध्य नहीं होंगे, यानी डेबिट कार्ड जैसी सेवाओं के लिए बैंक उन पर डिजिटल चैनलों का उपयोग थोप नहीं सकेंगे। बैंक को अपने सभी डिजिटल नियम और शर्तें सरल और स्पष्ट भाषा में बतानी होंगी, जिनमें शुल्क, हेल्प डेस्क और शिकायत निवारण से जुड़ी जानकारी भी शामिल होगी। इससे उपयोगकर्ताओं के लिए डिजिटल बैंकिंग और अधिक सुरक्षित, आसान और भरोसेमंद होगी।