RBI New Rules: 1 जनवरी से बदल जाएगा डिजिटल बैंकिंग! RBI के नए नियम से क्या होगा आसान और क्या होगा मुश्किल? जानिए वो बदलाव जो आपकी जेब पर डालेंगे असर

RBI के नए नियमों के तहत बैंक अब हर वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन पर अनिवार्य रूप से एसएमएस या ईमेल अलर्ट भेजेंगे। जहां आरबीआई और किसी पेमेंट ऑपरेटर दोनों के नियम लागू होंगे, वहां हमेशा ज्यादा सख्त नियम को ही माना जाएगा, जिससे सुरक्षा और बढ़ेगी।

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  • Publish Date - December 4, 2025 / 02:07 PM IST,
    Updated On - December 4, 2025 / 02:50 PM IST

(RBI New Rules/ Image Credit: RBI)

HIGHLIGHTS
  • नए RBI डिजिटल बैंकिंग नियम 1 जनवरी 2026 से लागू।
  • ग्राहकों पर ऐप डाउनलोड करने का दबाव डालना बैंकों के लिए मना।
  • हर लेन-देन पर SMS/ईमेल अलर्ट अनिवार्य।

नई दिल्ली: RBI New Rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जुलाई में जारी मसौदे पर मिली प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए डिजिटल चैनलों के जरिए बैंक सेवाएं प्रदान करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे। इनके तहत बैंकों की मंजूरी प्रक्रिया और भी कड़ी होगी, ग्राहक सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा और पारदर्शिता तथा शिकायत निवारण को मजबूत बनाया जाएगा।

बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी

नए नियम उन लगातार मिल रही शिकायतों के कारण लाए गए हैं, जिनमें कहा गया था कि बैंक ग्राहकों को मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए मजबूर कर रहे थे, ताकि वे इंटरनेट बैंकिंग या कार्ड सेवाओं का उपयोग कर सकें। आरबीआई का मकसद है कि ग्राहक पर किसी भी सेवा को जबरदस्ती थोपने की प्रथा खत्म की जाए और उनके अनुभव को बेहतर बनाया जाए।

क्या हैं डिजिटल बैंकिंग चैनल?

डिजिटल बैंकिंग चैनल वे माध्यम हैं जिनके जरिए बैंक इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म्स के जरिए सेवाएं प्रदान करते हैं। इनमें पूरी तरह लेन-देन वाली सेवाएं जैसे लोन, फंड ट्रांसफर के साथ-साथ केवल जानकारी देखने वाली सेवाएं जैसे बैलेंस चेक या स्टेटमेंट डाउनलोड करना शामिल है।

किन संस्थानों पर लागू होंगे नए नियम

उद्योग जगत ने सुझाव दिया था कि इन नियमों को NBFCs और फिनटेक कंपनियों पर भी लागू किया जाए, लेकिन फिलहाल RBI ने इन्हें केवल विभिन्न श्रेणियों के बैंकों के लिए लागू किया है। हालांकि, यदि बैंक किसी फिनटेक या थर्ड पार्टी को सेवाएं आउटसोर्स करते हैं, तो बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे प्रदाता सभी नियमों का पालन करें।

डिजिटल सेवाएं शुरू करने के लिए मंजूरी का तरीका

कोई भी बैंक जिसके पास मजबूत कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) और IPv6 आधारित आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर है, वह ‘केवल देखने’ वाली डिजिटल सेवाएं दे सकता है। लेकिन किसी भी प्रकार का वित्तीय लेन-देन उपलब्ध कराने से पहले बैंक को RBI की पूर्व अनुमति लेनी होगी। साथ ही साइबर सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता और आंतरिक नियंत्रण से जुड़े कई मानकों को भी पूरा करना होगा।

बैंकों के लिए नई शर्तें

नए नियम के तहत ग्राहक की स्पष्ट और दस्तावेजी सहमति के बिना डिजिटल सेवाएं न तो चालू की जा सकती हैं और न बंद। ग्राहक के लॉग-इन करने के बाद बैंक किसी भी थर्ड पार्टी उत्पाद को तब तक नहीं दिखा सकेंगे जब तक ग्राहक खास तौर पर अनुमति न दें। इसके अलावा हर वित्तीय और गैर-वित्तीय लेन-देन पर SMS या ईमेल अलर्ट भेजना अनिवार्य होगा। जहां दो नियम लागू होते हैं, वहां हमेशा सबसे सख्त नियम लागू माना जाएगा।

नए नियमों से ग्राहकों को कैसे फायदा होगा?

ग्राहक अब डिजिटल बैंकिंग अपनाने के लिए बाध्य नहीं होंगे, यानी डेबिट कार्ड जैसी सेवाओं के लिए बैंक उन पर डिजिटल चैनलों का उपयोग थोप नहीं सकेंगे। बैंक को अपने सभी डिजिटल नियम और शर्तें सरल और स्पष्ट भाषा में बतानी होंगी, जिनमें शुल्क, हेल्प डेस्क और शिकायत निवारण से जुड़ी जानकारी भी शामिल होगी। इससे उपयोगकर्ताओं के लिए डिजिटल बैंकिंग और अधिक सुरक्षित, आसान और भरोसेमंद होगी।

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RBI के नए डिजिटल बैंकिंग नियम कब लागू होंगे?

ये नए नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे।

क्या डिजिटल बैंकिंग सेवाओं के लिए ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा?

नहीं, नए नियमों के अनुसार बैंक ग्राहक पर ऐप डाउनलोड करने या डिजिटल चैनल अपनाने का दबाव नहीं डाल सकेंगे।

क्या बैंकों को सभी लेन-देन पर अलर्ट भेजना होगा?

हाँ, हर वित्तीय और गैर-वित्तीय लेन-देन पर SMS या ईमेल अलर्ट भेजना अनिवार्य होगा।

क्या डिजिटल ट्रांजैक्शन सेवाएं देने के लिए बैंक को मंजूरी चाहिए?

जी हाँ, ‘केवल देखने’ वाली सेवाओं के लिए मंजूरी जरूरी नहीं, पर लेन-देन वाली सेवाएं शुरू करने से पहले RBI की पूर्व अनुमति आवश्यक है।