एसबीआई का रिकॉर्ड 9.2 अरब डॉलर का मुनाफा अपेक्षाकृत छोटे डिजिटल समूह के कारण |

एसबीआई का रिकॉर्ड 9.2 अरब डॉलर का मुनाफा अपेक्षाकृत छोटे डिजिटल समूह के कारण

एसबीआई का रिकॉर्ड 9.2 अरब डॉलर का मुनाफा अपेक्षाकृत छोटे डिजिटल समूह के कारण

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Modified Date: May 19, 2025 / 05:43 PM IST
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Published Date: May 19, 2025 5:43 pm IST

नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 9.2 अरब अमेरिकी डॉलर का रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज किया। इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी के बाद एसबीआई तीसरी ऐसी भारतीय कंपनी बन गई है, जो शुद्ध लाभ के लिहाज से दुनिया की शीर्ष 100 कंपनियों में शामिल है।

हालांकि, भारत के जानेमाने विपणन रणनीतिकार राजेंद्र श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि एसबीआई के मुनाफे का बड़ा हिस्सा अपेक्षाकृत छोटे डिजिटल समूह के कारण है।

भारत के सबसे बड़े बैंक के मुनाफे में प्रभावशाली वृद्धि कई साल पहले शुरू हुई एक डिजिटल पहल ‘योनो’ के चलते है। आज योनो के 7.4 करोड़ से ज्यादा पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं।

इस मंच ने अपनी शुरुआत से 3.2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के ऋण जारी किए हैं और बैंक के खुदरा ऋण में इसका अहम योगदान है।

इस मंच पर रोजाना एक करोड़ से ज्यादा लॉगइन हैं और एसबीआई के बचत खाते के 65 प्रतिशत लेनदेन अब योनो के जरिये होते हैं।

श्रीवास्तव ने लिखा, ‘‘एसबीआई 50 करोड़ से अधिक खातों के जरिये सेवाएं देता है, जो इसे ग्राहक आधार के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा बैंक बनाता है। हालांकि, इनमें से केवल 7.4 करोड़ (लगभग 14 प्रतिशत) खाते ही योनो उपयोगकर्ता हैं। यह एक विरोधाभास है कि एसबीआई के मुनाफे का बड़ा हिस्सा इस अपेक्षाकृत छोटे डिजिटल समूह के जरिये आता है, जबकि बाकी 37 करोड़ खाते कम मार्जिन, उच्च लागत वाली देनदारियों वाले सेवा खंड का प्रतिनिधित्व करते हैं।’’

उन्होंने आगे लिखा कि क्या 20,000 शाखाओं का एक विशाल नेटवर्क जिसमें 2.2 लाख कर्मचारी हैं, आज के दौर में वित्तीय समावेशन का सबसे कुशल तरीका है।

उन्होंने कहा कि आधार, यूपीआई, इंटरनेट संपर्क और स्मार्टफोन सहित भारत की डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) ने वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में क्रांति ला दी है।

श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे में एसबीआई की भौतिक शाखाओं के औचित्य पर फिर से विचार करने की जरूरत है, क्योंकि आज ग्रामीण नागरिक भी मोबाइल फोन के माध्यम से आसानी से लेनदेन कर रहे हैं।

उन्होंने लिखा, ‘‘रिकॉर्ड मुनाफे के बावजूद एसबीआई अपने निजी क्षेत्र के प्रतिस्पर्धियों की तुलना में 1.4 के कम पी/बी अनुपात पर कारोबार कर रहा है। एचडीएफसी बैंक के लिए यह आंकड़ा 2.8 और आईसीआईसीआई बैंक के लिए 3.3 है।’’

श्रीवास्तव ने कहा कि घरेलू बाजार में अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में एसबीआई का कम पी/बी, वित्तीय प्रदर्शन के बजाय परिसंपत्ति उपयोग में संरचनात्मक अक्षमताओं के बारे में निवेशकों की चिंताओं को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि एसबीआई को योनो को अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)