सेबी ने कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों के लिए एकल खिड़की प्रणाली लाने का प्रस्ताव रखा

सेबी ने कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों के लिए एकल खिड़की प्रणाली लाने का प्रस्ताव रखा

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  • Publish Date - August 11, 2025 / 04:02 PM IST,
    Updated On - August 11, 2025 / 04:02 PM IST

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने कम जोखिम वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए भारतीय इक्विटी बाजार में निवेश को लेकर एक ही जगह पर सभी प्रकार की मंजूरी व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव रखा है।

इसका मकसद अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाना और भारत को निवेश गंतव्य के रूप में अधिक आकर्षक बनाना है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के परामर्श पत्र के मुताबिक, प्रस्तावित ढांचे के लागू होने पर ऐसे निवेशकों को विभिन्न निवेश मार्गों पर एकीकृत पंजीकरण प्रक्रिया और बार-बार दस्तावेज़ जमा करने से राहत मिलेगी।

इस ढांचे को ‘विश्वसनीय विदेशी निवेशकों के लिए एकल खिड़की स्वचालित एवं सामान्यीकृत पहुंच’ (स्वागत-एफआई) का नाम दिया गया है।

सेबी की तरफ से कम जोखिम वाले निवेशकों की श्रेणी में सरकार के स्वामित्व वाले कोष, केंद्रीय बैंक, सरकारी कोष, बहुपक्षीय संस्थाएं, विनियमित खुदरा फंड, बीमा कंपनियां और पेंशन कोष शामिल हैं।

देश में 30 जून 2025 तक 11,913 पंजीकृत एफपीआई थे जिनके पास 80.83 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां थीं। इनमें स्वागत-एफआई निवेशकों की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से अधिक है।

नए ढांचे के तहत, पंजीकरण या पहले से पंजीकृत एफपीआई को अतिरिक्त दस्तावेज दिए बगैर ‘विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक’ के रूप में भी पंजीकरण का विकल्प मिलेगा। इससे वे सूचीबद्ध इक्विटी एवं बॉन्ड के साथ निर्दिष्ट क्षेत्रों व स्टार्टअप में भी निवेश कर सकेंगे।

सेबी ने इस प्रस्ताव पर 29 अगस्त तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।

सेबी ने पंजीकरण नवीनीकरण, शुल्क भुगतान और केवाईसी समीक्षा की अवधि को मौजूदा तीन या पांच वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष करने, एक ही डीमैट खाते में सभी निवेश रखने का प्रस्ताव रखा है।

इसके अलावा प्रवासी भारतीयों, भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों एवं निवासी भारतीयों की कुल हिस्सेदारी पर मौजूदा 50 प्रतिशत की सीमा हटाने का भी प्रस्ताव है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण