(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को भारतीय स्टार्टअप समुदाय से कहा कि वे अपना ध्यान किराना सामान की डिलिवरी और आइसक्रीम बनाने से हटाकर सेमीकंडक्टर, मशीन लर्निंग (एमएल), रोबोटिक्स और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे उच्च प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्र पर लगाएं।
उन्होंने यहां स्टार्टअप महाकुंभ में कहा कि स्टार्टअप तंत्र में और अधिक भारतीय निवेशकों की जरूरत है।
गोयल ने कहा, “क्या हम डिलिवरी बॉय बनकर खुश रहेंगे… क्या यही भारत की नियति है… यह स्टार्टअप नहीं है, यह उद्यमिता है… दूसरी तरफ क्या हो रहा है – रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, 3डी विनिर्माण और अगली पीढ़ी के कारखाने आदि।”
मंत्री ने कहा कि नए स्टार्टअप को देश को भविष्य के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने पूछा, “क्या हमें आइसक्रीम या चिप्स बनाना है?”
उन्होंने भारत की आर्थिक और प्रौद्योगिकी वृद्धि को आगे बढ़ाने में स्टार्टअप की उभरती भूमिका को भी रेखांकित किया।
उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उन लोगों को सहयोग और सहायता प्रदान करेगी जो अपनी स्टार्टअप यात्रा में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, तथा उन्हें दृढ़ रहने और पुनः प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
मंत्री ने घरेलू पूंजी निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि विदेशी पूंजी पर निर्भरता कम करने और दीर्घकालिक आर्थिक मजबूती सुनिश्चित करने के लिए स्वदेशी निवेश का मजबूत आधार अत्यंत महत्वपूर्ण है।
गोयल ने भारत के पूंजी आधार को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए अधिक घरेलू निवेशकों को आकर्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
भाषा अनुराग अजय
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