CG News: प्रदेश में अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशियों को वापस भेजने की तैयारी, आज एक जत्थे को लेकर रवाना होगी पुलिस

CG News: प्रदेशभर में पकड़े गए 50 से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियों में से आधे लोगों को उनके देश वापस भेजने की तैयारी है।

  • Reported By: Tehseen Zaidi

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  • Publish Date - July 15, 2025 / 09:11 AM IST,
    Updated On - July 15, 2025 / 11:25 AM IST

CG News/Image Credit: IBC24 X Handle

HIGHLIGHTS
  • प्रदेश में अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशियों को वापस भेजने की तैयारी
  • आज कुछ बंगलादियों को लेकर रवाना होगी पुलिस की टीम।
  • रायपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव समेत अन्य ने जिलों से बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए हैं।

रायपुर: CG News: प्रदेशभर में पकड़े गए 50 से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियों में से आधे लोगों को उनके देश वापस भेजने की तैयारी है। गृह मंत्रालय दिल्ली से मिले निर्देश के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने इसकी कवायद तेज कर दी है। इसके लिए दस्तावेजी कार्रवाई ने चल रही है। पहले दौर में 20 से 30 घुसपैठियों को उनके देश भेजा जाएगा। गृह मंत्रालय की ओर से घुसपैठियों की वापसी सुनिश्चित की जा रही है।

पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि, रायपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव समेत अन्य ने जिलों से बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए हैं। इनमें रायपुर, दुर्ग में सबसे अधिक हैं। रायपुर में एक ही परिवार के तीन भाइयों सहित कुल 16 बांग्लादेशी पकड़े गए हैं। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। ये अधिकतर टिकरापारा क्षेत्र में किराए के मकानों में रहकर कबाड़ी या ठेला-गुमटी लगाकर आजीविका चला रहे थे। इनमें से छह लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जा चुकी है और वे जेल में हैं। कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण उनको वापस भेजने में समय लग सकता है।

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सरकार ने जारी किया

CG News:  सरकार ने आम नागरिकों की मदद से घुसपैठियों की पहचान के लिए टोल फ्री नंबर 1800-233-1905 जारी किया है, जिस पर संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी सीधे पुलिस को दी जा रही है। वर्तमान में राज्य में करीब 2 हजार चिन्हित बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजने की तैयारी चल रही है। पुलिस के मिली जानकारी के मुताबिक किसी संदिग्ध के पास भारत के दस्तावेज होने पर उनकी जांच की जाती है। यदि संदेह पुष्ट होता है, तो विदेशी अधिनियम 1946 और पासपोर्ट अधिनियम 1920 के तहत केस दर्ज किया जाता है। कोर्ट में पेशी के बाद व्यक्ति को नजरबंदी केंद्र या जेल में रखा जाता है। इसके बाद भारत सरकार बांग्लादेशी दूतावास से नागरिकता की पुष्टि करवाती है, जब बांग्लादेश उसे अपना नागरिक मान लेता है तभी निर्वासन प्रक्रिया पूरी होती है।

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तेजी से की जा रही कार्रवाई

CG News:  कई बांग्लादेशी फर्जी आधार और वोटर कार्ड के जरिए राज्य में रह रहे हैं एफआईआर होने से कोर्ट में केस चलता है, जिससे निर्वासन प्रक्रिया लंबी हो जाती है। अब पनाह देने वालों और मददगारों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश जारी हुए हैं। राज्यभर में जारी जांच पिछले पांच वर्षों में 50 से अधिक बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए हैं। जांच के दौरान कई संदिग्ध लापता भी हो गए हैं बावजूद इसके सरकार द्वारा निर्वासन की कार्रवाई तेजी से की जा रही है।

अवैध बांग्लादेशी कौन होते हैं?

अवैध बांग्लादेशी वे लोग हैं जो बिना वैध पासपोर्ट, वीजा या अन्य अनुमत दस्तावेजों के भारत में रह रहे होते हैं।

छत्तीसगढ़ में कितने अवैध बांग्लादेशी पकड़े गए हैं?

राज्य में पिछले 5 वर्षों में 50 से अधिक अवैध बांग्लादेशी पकड़े गए हैं, जबकि करीब 2,000 लोग चिन्हित किए गए हैं।

अवैध बांग्लादेशियों को कैसे वापस भेजा जाता है?

पहले उनकी पहचान और जांच की जाती है, फिर बांग्लादेशी दूतावास से नागरिकता की पुष्टि करवाई जाती है। इसके बाद ही निर्वासन की प्रक्रिया पूरी होती है।

क्या सभी अवैध बांग्लादेशियों पर केस दर्ज होता है?

यदि उनके पास फर्जी दस्तावेज पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ विदेशी अधिनियम 1946 और पासपोर्ट अधिनियम 1920 के तहत केस दर्ज किया जाता है।

क्या आम नागरिक भी रिपोर्ट कर सकते हैं?

हां, आम नागरिक टोल फ्री नंबर 1800-233-1905 पर अवैध बांग्लादेशी या संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी दे सकते हैं।