Raipur Dharmantaran News: 250 परिवारों ने ईसाई धर्म छोड़कर अपनाया भगवा चोला, कहा जय श्री राम, सियासी गलियारों में फिर बवाल

रायपुर में 250 ईसाई परिवारों की घर वापसी ने एक बार फिर धर्म और राजनीति के सवाल को उठाया है। पूर्व मंत्री शिव डहरिया के बयान ने यह स्पष्ट किया कि धर्मांतरण और घर वापसी केवल धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक विषय भी हैं।

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  • Publish Date - November 8, 2025 / 03:26 PM IST,
    Updated On - November 8, 2025 / 04:50 PM IST

Raipur Dharmantaran News / Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • रायपुर में 250 ईसाई परिवारों ने घर वापसी की।
  • शिव डहरिया ने इसे राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बताया।
  • उन्होंने कहा ये कार्यक्रम प्रचार का तरीका बन गए हैं।

Raipur Dharmantaran News: रायपुर: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर लगातार चल रही सियासी गहमा-गहमी के बीच राजधानी रायपुर से बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल यहां 250 से अधिक परिवारों ने ईसाई धर्म छोड़कर सनातन धर्म में वापसी की है। सभी परिवारों को दही हांडी मैदान गुढ़ियारी में स्वामी नरेंद्राचार्य और प्रबलप्रताप सिंह ने घर वापसी करवाई है। दूसरी ओर ईसाई परिवारों की घर वापसी को लेकर सियासी गलियारों में फिर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश सरकार और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

राजधानी रायपुर में हाल ही में 250 ईसाई परिवारों की घर वापसी का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में परिवारों ने अपने पुराने धर्म की ओर लौटने की घोषणा की। इस कार्यक्रम को लेकर राजनीति और समाज में अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। पूर्व मंत्री शिव डहरिया के बयान ने ये स्पष्ट कर दिया कि धर्मांतरण और घर वापसी केवल धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक विषय भी हैं।

पूर्व मंत्री शिव डहरिया का बयान

इस घटना पर पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बीजेपी जाति और वर्ण के आधार पर लोगों को बांटती है। उनका कहना था कि ये विभाजन समाज में असमानता और विरोध की स्थितियाँ पैदा करता है। डहरिया ने आगे कहा कि उनके अनुसार, इसी कारण से प्रदेश में धर्मांतरण की घटनाएं होती रहती हैं। धर्मांतरण और घर वापसी जैसे मुद्दे अक्सर मीडिया और राजनीति में सुर्खियों में रहते हैं। डहरिया का मानना है कि घर वापसी जैसे कार्यक्रम केवल प्रचार पाने का तरीका बन गए हैं।

धर्मांतरण और घर वापसी पर सुशील आनंद शुक्ला का बयान

धर्मांतरण और घर वापसी के मुद्दे पर सुशील आनंद शुक्ला का बयान भी सामने आया है जिसमें उन्होनें कहा है कि,”अगर लोग घर वापसी कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उनका मतांतरण हुआ था और चूंकि राज्य में पिछले दो सालों से भाजपा की सरकार है, इसलिए इसके लिए भाजपा ही जिम्मेदार मानी जा सकती है। भाजपा के लिए धर्मांतरण कोई समस्या नहीं है, बल्कि ये एक पॉलिटिकल प्रोपोगंडा का हिस्सा है। उनकी सोच के कारण समाज में जातीय संघर्ष की स्थिति बन रही है। विधानसभा में भाजपा ने इस विषय पर कानून बनाने की बात कही थी, लेकिन आज तक उस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।”

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रायपुर में हाल ही में कौन सा कार्यक्रम आयोजित हुआ?

250 ईसाई परिवारों की घर वापसी का कार्यक्रम।

पूर्व मंत्री शिव डहरिया का इस पर क्या कहना है?

उनका कहना है कि धर्मांतरण और घर वापसी केवल धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक विषय हैं।

इस घटना को लेकर समाज और राजनीति में क्या प्रतिक्रिया है?

इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ हैं, कुछ इसे धार्मिक मुद्दा मानते हैं और कुछ राजनीतिक प्रचार का हिस्सा।