Raipur News: इनके नेताओं को दारू, कोयला, महादेव सट्टा का पैसा जमीन में खपाना था इसलिए…., मंत्री ओपी चौधरी ने क्यों कही ये बात ?

New land guideline Controversy: राज्य के मंत्री ओपी चौधरी ने नई दरों के विरोध को कांग्रेस की साजिश बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने अपने समय में गाइडलाइन रेट में 30% की कटौती की थी।

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  • Publish Date - November 26, 2025 / 07:33 PM IST,
    Updated On - November 26, 2025 / 07:37 PM IST

Raipur News, image source: file image

HIGHLIGHTS
  • मंत्री OP चौधरी का कांग्रेस पर बड़ा हमला
  • ओपी चौधरी ने नई दरों के विरोध को कांग्रेस की साजिश बताया
  • कांग्रेस और जमीन व्यवसायियों का जोरदार विरोध

रायपुर। Raipur News, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई जमीन की नई गाइडलाइन दरों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। राजधानी में आज भूमि व्यवसाय से जुड़े लोगों ने कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर इस फैसले के खिलाफ जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम के बाद प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर गाइडलाइन दरों को वापस लेने की मांग की।

मंत्री OP चौधरी का कांग्रेस पर बड़ा हमला

New land guideline Controversy, राज्य के मंत्री ओपी चौधरी ने नई दरों के विरोध को कांग्रेस की साजिश बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने अपने समय में गाइडलाइन रेट में 30% की कटौती की थी। इनके नेताओं को दारू, कोयला, महादेव सट्टा का पैसा जमीन में खपाना था। इसी कारण जमीन की दरें जानबूझकर नहीं बढ़ने दी गईं। कांग्रेस नेताओं ने कम दाम पर जमीन खरीदकर बड़े पैमाने पर इकट्ठा की।

Raipur News, मंत्री चौधरी ने कहा कि मौजूदा सरकार की नई गाइडलाइन से किसानों को अधिग्रहण में ज्यादा मुआवजा मिलेगा, मध्यमवर्गीय परिवारों को ज्यादा होम लोन मिल सकेगा, रियल एस्टेट सेक्टर मजबूत होगा और राज्य को राजस्व लाभ होगा।

कांग्रेस और जमीन व्यवसायियों का जोरदार विरोध

पूर्व महापौर प्रमोद दुबे के नेतृत्व में जमीन कारोबार से जुड़े लोगों ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर नारेबाजी की। दुबे ने नई गाइडलाइन को अव्यावहारिक और तुगलकी बताया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा जिस जमीन की कीमत पहले 600 रुपये प्रति स्क्वायर फीट थी, उसे बढ़ाकर 4200 रुपये कर दिया गया। 5000 वर्गफुट की जमीन जिसकी बाजार कीमत लगभग 30 लाख है, उस पर 20 लाख रुपये का पंजीयन शुल्क लिया जा रहा है।यह सब सामान्य लोगों के हितों के खिलाफ है और जमीन खरीदने को असंभव बना देगा।

प्रमोद दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने 5 डेसिमल तक छोटी जमीन की रजिस्ट्री पर लगे प्रतिबंध को हटाया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे फिर से लागू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इस “गलत और अव्यावहारिक निर्णय” को वापस नहीं लेती, विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

नई गाइडलाइन दरों को लेकर राज्य में राजनीतिक और कारोबारी दोनों स्तरों पर टकराव तेज हो गया है।
सरकार इसे आर्थिक सुधार बता रही है, जबकि विपक्ष और जमीन कारोबारी इसे जनविरोधी कदम कहकर विरोध कर रहे हैं। जमीन मूल्य निर्धारण को लेकर यह विवाद आने वाले दिनों में और बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।

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