SC ने खारिज की छत्तीसगढ़ में स्थानीय लोगों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में प्राथमिकता देने की मांग, सड़कों पर उतरा ये समाज

recruitment of class III and class IV posts was rejected:

  •  
  • Publish Date - June 22, 2023 / 08:31 PM IST,
    Updated On - June 22, 2023 / 08:32 PM IST

recruitment of class III and class IV posts was rejected

recruitment of class III and class IV posts was rejected जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में स्थानीय लोगों को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में प्राथमिकता देने की मांग को कोर्ट से गहरा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े मामले को खारिज कर दिया है। सर्व आदिवासी समाज ने स्थानीय पदों पर आदिवासियों को प्राथमिकता देने की मांग के साथ परिवाद दायर किया था लेकिन यह मामला खारिज हो गया है। अब फिर एक बार समाज के प्रतिनिधि युवाओं के साथ सड़कों पर उतर आए हैं और स्थानीय भर्ती में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग की है। दरअसल आरक्षण से जुड़े विवाद के चलते कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का काम भी बंद पड़ा है जिसे स्थानीय लोगों की भर्ती की संभावनाओं पर विराम लग गया है।

read more: व्हाइट हाउस पहुंचे पीएम मोदी, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने किया स्वागत, बोले- मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं

सरगुजा और बस्तर में स्थानीय आदिवासियों को भर्ती में प्राथमिकता मिल सके इसके लिए आदिवासी समाज आंदोलन कर रहा है। समाज का आरोप है कि राज्य सरकार जानबूझकर इस मामले में लापरवाही बरत रही है। आरक्षण विवाद को लेकर स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के मुद्दे के साथ सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग सुप्रीम कोर्ट तक गया था, लेकिन यह मामला वहां खारिज हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय भर्ती के रास्ते बंद कर दिए हैं। ऐसे में इसका राजनीतिक समाधान तलाशने आदिवासी समाज फिर सड़कों पर उतर आया है।

read more: CG: जब हाइवे पर ही गिर पड़ा विशाल 22 केवी का हाईटेंशन टॉवर तो मच गई अफरा-तफरी, जानें क्यों हुआ हादसा

दरअसल वर्तमान कांग्रेस सरकार ने पिछली सरकार की तर्ज पर कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन कर स्थानीय स्तर पर विभिन्न विभागों में खाली पड़े तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की थी और बस्तर में करीब साढ़े 4000 पदों के लिए आवेदन भी लिए गए लेकिन यह भर्ती प्रक्रिया राज्य स्तर पर आरक्षण से जुड़े विवाद को लेकर ठंडे बस्ते में चली गई। तब से अब तक कनिष्ठ चयन बोर्ड का काम शुरू नहीं हो सका है इधर राज्य सरकार की तरफ से किसी तरह की राहत ना मिलता देख सर्व आदिवासी समाज ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन यहां भी आदिवासी समाज को निराशा हाथ लगी है। सर्व आदिवासी समाज अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर समेत स्थानीय लोगों का कहना है कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय लोगों को भर्ती में प्राथमिकता मिलनी चाहिए जिससे बस्तर में बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिल सके। जाहिर है कोर्ट के जरिए राहत नहीं मिलने के बाद राजनीतिक समाधान इस मुद्दे पर सियासत चुनाव से पहले और गर्माएगी।

read more: उद्धव ठाकरे पटना में विपक्ष की बैठक में शामिल होंगे : अरविंद सावंत