इंदौर। मध्यप्रदेश में तीन दिवसीय भारतीय किसान यूनियन की हड़ताल की घोषणा के बाद पहले दिन प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में हड़ताल बेअसर रही। राजधानी भोपाल में भी हड़ताल का असर नहीं देखा गया । सभी जगह दूध,सब्जी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे, जिससे लोगों को किसी प्रकार की दिक्तों का सामना नहीं करना पड़ा।
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भारतीय किसान यूनियन ने बुधवार से कर्ज माफी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने, समर्थन मूल्य से कम पर उपज न खरीदने और किसानो के उत्थान संबंधित कई मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का फैसला किया था। तीन दिनों की हड़ताल की घोषणा के बाद भी इंदौर में इसका असर नहीं दिखा। सभी प्रमुख सब्जी मंडी खुली रही और भरपूर आवक दिखाई दी। दूध को लेकर भी किसी भी प्रकार की परेशानी नजर नहीं आई, कई किसानों और व्यापारियों को तो हड़ताल की जानकारी भी नहीं थी। हड़ताल की खबरों के बीच बाज़ारो में रौनक को देख महिलाओं को राहत मिली। हर दिन की ही तरह घर तक सब्जी,फल और दूध वाले पहुंचे। इंदौर में चोइथराम, मालवा मिल और राजकुमार सब्जी मंडी खुली रही। किसान बकायदा गाडियों में माल लेकर पहुंचे और व्यापारियों ने भी उनकी खरीद की।
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हड़ताल के बाद भी इंदौर में भारतीय किसान यूनियन का कोई भी पदाधिकारी दिखाई नहीं दिया। भारतीय किसान यूनियन की प्रदेश इकाई ने 29 मई से 31 मई तक हड़ताल किए जाने का ऐलान किया था। हालाकि दो साल पुरानी घटनाओं को देखते हुए प्रशासन और पुलिस का महकमा पहले ही शहर में सतर्क रहा। गौरतलब है कि किसान आंदोलन को लेकर पिछली सरकार का अनुभव खराब रहा हैं। किसानों ने जगह-जगह प्रदर्शन कर गाडियों में भी तोड़फोड़ की थी । उस दौरान बिजलपुर के नेताओं ने जमकर हंगामा भी किया था, ऐसी स्थिति ना दोहरायी जाये इसको लेकर विशेष चौकसी बरती जा रही है।