#SarkarOnIBC24: वक्फ पर 7 दिन का ‘सुप्रीम’ ब्रेक! कानून पर सस्पेंस बरकरार, अब 5 मई को होगी सुनवाई

वक्फ पर 7 दिन का 'सुप्रीम' ब्रेक! कानून पर सस्पेंस बरकरार, 7 days 'Supreme' break on Waqf! Suspense continues on the law

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  • Publish Date - April 17, 2025 / 11:59 PM IST,
    Updated On - April 18, 2025 / 12:20 AM IST

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नई दिल्लीः #SarkarOnIBC24: वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार ने वक्फ कानून को लेकर अपनी-अपनी दलीलें रखी। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फिलहाल वक्फ कानून रोक लगाने से इंकार कर दिया। साथ ही आश्वासन दिया कि इस दौरान काउंसिल और बोर्ड को कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद अब इंतजार 5 मई का है, जब सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होगी।

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#SarkarOnIBC24: दो दिन और करीब 6 घंटे के सवाल-जवाब के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई है..लेकिन नए वक्फ कानून की नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। यानी कोर्ट के अगले आदेश तक वक्फ की संपत्तियों की स्थितियां भी नहीं बदलेगी। गुरुवार को दूसरे दिन जब सुनवाई शुरू हुई तो CJI संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार से वक्फ बाई यूजर के मुद्दे पर 7 दिन में जवाब मांगा है। यानी अगली सुनवाई अब 5 मई को दोपहर 2 बजे होगी.. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दी कि वक्फ कानून के खिलाफ दायर 70 याचिकाओं की जगह सिर्फ 5 प्रमुख आपत्तियों पर ही सुनवाई होगी। तबतक सरकार को तीन निर्देश मानने होंगे। पहला वक्फ बोर्ड पर केंद्र के जवाब तक वक्फ संपत्ति की स्थिति नहीं बदलेगी। दूसरा कोर्ट से वक्फ घोषित संपत्ति डी नोटिफाई नहीं होगी, वो वक्फ बायर यूजर हो या वक्फ बाय डीडऔर तीसरा- वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में कोई नियुक्ति नहीं होगी।

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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आश्वासन दिया कि अगले सुनवाई तक कोई नियुक्ति या बोर्ड गठित नहीं किया जाएगा। कोर्ट के आदेश के बाद याचिकाकर्ताओं ने हुंकार भरी कि..वो आगे भी कानून का विरोध करते रहेंगे। वक्फ कानून पर सुप्रीम ब्रेक और याचिकाकर्तों के हमलों के बीच सियासी बयानबाजी भी तेज है.. कांग्रेस जहां मोदी सरकार पर आरोपों के तीर चला रही है तो वक्फ को लेकर बने JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने दो टूक जवाब दिया कि. अगर वक्फ कानून पर कोई गलती निकलती है तो पद से इस्तीफा दे दूंगा।

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जाहिर है CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं तो वहीं कानून के खिलाफ कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी और सीयू सिंह दलील रख रहे हैं। कुल मिलाकर सुप्रीम कोर्ट में दो दिन की सुनवाई के बाद इस पर सस्पेंस ही बना हुआ है वक्फ संशोधन कानून लागू होगा या नहीं..ऐसे में अब सबको इंतजार है 5 मई का, जब सुप्रीम कोर्ट में सरकार अपना जवाब पेश करेगी।