एआईएमआईएम की पश्चिम बंगाल इकाई हुमायूं कबीर के साथ हाथ मिलाने के पक्ष में

एआईएमआईएम की पश्चिम बंगाल इकाई हुमायूं कबीर के साथ हाथ मिलाने के पक्ष में

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  • Publish Date - December 12, 2025 / 09:47 PM IST,
    Updated On - December 12, 2025 / 09:47 PM IST

कोलकाता, 12 दिसंबर (भाषा) असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा हुमायूं कबीर को ‘राजनीतिक रूप से असंगत’ बताये जाने के कुछ ही दिन बाद पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई ने शुक्रवार को आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल के इन निलंबित विधायक के साथ गठबंधन करने की इच्छा व्यक्त की।

एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष इमरान सोलंकी ने कहा कि कबीर के साथ बातचीत चल रही है, जो छह दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद शैली की मस्जिद की नींव रखकर राजनीतिक बवाल खड़ा करने के बाद अल्पसंख्यकों की आवाज मुखरता से उठाने वाले एक बड़े नेता के रूप में उभरे हैं।

सोलंकी ने कहा कि उन्होंने कबीर से पहले ही बात कर ली है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष अगले साल के विधानसभा चुनाव में ‘कुछ सीट’ पर तालमेल की संभावना तलाश रहे हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर असदुद्दीन ओवैसी की मजबूत पकड़ के कारण हुमायूं कबीर एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करने के इच्छुक हैं। हमारी भी कुछ चुनिंदा सीट पर गठबंधन की संभावना तलाशने में रुचि है।’’

उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय हैदराबाद के सांसद का होगा।

कबीर के साथ किसी भी गठजोड़ से एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद असीम वकार द्वारा इनकार किये जाने के चार दिन के बाद आये सोलंकी के बयान से पहले से अस्थिर पश्चिम बंगाल के चुनावी परिदृश्य में और उलझन पैदा हो गया है।

वकार ने आठ दिसंबर को बयान में कबीर से पार्टी की स्पष्ट दूरी को उजागर किया था और नजदीकी बनाने के उनके प्रयासों को ‘राजनीतिक रूप से संदिग्ध और वैचारिक रूप से असंगत’ बताया था।

उन्होंने तर्क दिया था कि कबीर को व्यापक रूप से भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी और परोक्ष रूप से पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ जुड़ा हुआ माना जाता है।

इस स्पष्ट विरोधाभास के बारे में पूछे जाने पर सोलंकी ने कहा, ‘‘हां, हम जानते हैं कि वकार ने क्या कहा था, लेकिन फिलहाल यह पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं है।’’

शुक्रवार को पीटीआई-भाषा द्वारा संपर्क किए जाने पर वकार ने फोन का जवाब नहीं दिया।

पश्चिम बंगाल इकाई का अधिक लचीला रुख यह दर्शाता है कि जमीनी स्तर पर चुनावी समीकरण अलग तरह से सामने आ रहे हैं, खासकर मुर्शिदाबाद और मालदा के अल्पसंख्यक बहुल जिलों में, जहां कबीर और एआईएमआईएम दोनों का मानना ​​है कि वे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के आधार में सेंध लगा सकते हैं।

भाषा

राजकुमार दिलीप

दिलीप