हाथियों को मानव आबादी से दूर रखने में कारगर साबित हो रही मधुमक्खियों की दीवार : केवीआईसी

हाथियों को मानव आबादी से दूर रखने में कारगर साबित हो रही मधुमक्खियों की दीवार : केवीआईसी

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  • Publish Date - May 22, 2021 / 09:45 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:58 PM IST

नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) खादी ग्राम उद्योग आयोग (केवीआईसी) ने शनिवार को कहा कि परियोजना ‘री-हैब’ के तहत मधुमक्खी पालन में इस्तेमाल डिब्बों का प्रयोग हाथियों को दूर रखने के लिए दीवार की तरह किया जा रहा है और इससे किसी को नुकसान पहुंचाए बिना मानव-पशु संघर्ष को कम करने में सफलता मिल रही है।

केवीआईसी ने 15 मार्च को शुरू इस परियोजना की सफलता की घोषणा करते हुए कहा कि इसे उन राज्यों में दोहराया जाएगा जहां हाथियों द्वारा मानव बस्तियों पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं।

आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘ऐसे समय जब राज्य सरकारें हाथियों के हमलों को रोकने के लिए खाई खोदने और अन्य अवरोधक खड़े करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं, तो ऐसे में केवीआईसी की नवोन्मेषी परियोजना री-हैब (रिड्यूसिंग ह्यूमैन- एलिफेंट अटैक यूजिंग बी) ने साबित किया है कि यह मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए बहुत प्रभावी, सस्ता और बिना नुकसान वाला उपाय है।’’

आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खाई, लोहे की बाड़, कांटेदार खंभे, बिजली युक्त दीवार और बिजली के तार न केवल निष्प्रभावी हैं, बल्कि इनका परिणाम हाथियों की दुखद मौत के रूप में निकलता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके उलट ‘री-हैब सस्ती, प्रभावी और हाथियों को नुकसान न पहुंचाने वाली परियोजना है। इसके दीर्घकालिक लाभ हैं। यह मानव-हाथी संघर्ष को कम करती है, मधुमक्खी पालन से किसानों की आय बढ़ती है, जलवायु परिवर्तन को रोकने में मदद मिलती है और जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में भोजन सुनिश्चित होता है।’’

हाथियों को मानव बस्तियों से दूर रखने के लिए मधुमक्खी पालन में इस्तेमाल डिब्बों का प्रयोग प्रभावी है क्योंकि इन जानवरों को यह डर लगता है कि मधुमक्खियां उनकी आंखों में या सूंड़ के अंदरूनी हिस्से में काट सकती हैं।

इसके अलावा मधुमक्खियों के भिनभिनाने की आवाज से भी हाथी परेशान हो उठते हैं।

भाषा धीरज नेत्रपाल

नेत्रपाल

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