दिल्ली उच्च न्यायालय ने यमुना के बाढ क्षेत्र में दरगाह के पास नये निर्माण पर रोक लगायी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने यमुना के बाढ क्षेत्र में दरगाह के पास नये निर्माण पर रोक लगायी

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  • Publish Date - December 30, 2025 / 10:25 PM IST,
    Updated On - December 30, 2025 / 10:25 PM IST

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि यमुना के बाढ़ क्षेत्र में कब्रिस्तान के बहाने या किसी अन्य उद्देश्य से लोगों को घर अथवा झोपड़ी बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है । इसी के साथ उच्च न्यायालय ने नौ गजा पीर दरगाह के निकट किसी भी नए निर्माण पर रोक लगा दी है।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति मन्मीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने दरगाह एवं उससे सटे कब्रिस्तान के पास यमुना नदी के किनारे कथित अवैध निर्माणों से संबंधित एक याचिका की सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश जारी किया।

पीठ ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और भूमि एवं विकास कार्यालय को निर्देश दिया कि वे एक सप्ताह के भीतर कब्रिस्तान की बाड़बंदी करें ताकि क्षेत्र में आगे कोई अतिक्रमण न हो। पीठ ने उन्हें अगली सुनवाई की तारीख तक भूमि की स्थिति पर संयुक्त रूप से एक हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया।

उच्च न्यायालय ने 22 दिसंबर को अपने आदेश में कहा, ‘‘यह एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि बाढ़ के मैदानों में लोगों को कब्रिस्तान के बहाने या किसी अन्य उद्देश्य के लिए अपने घर, मकान, झोपड़ियां आदि बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।’’

याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि नौ गाजा पीर दरगाह के पास कब्रिस्तान से सटी ज़मीन का लगातार उपयोग हो रहा है और उस स्थान पर 100 से अधिक परिवार रह रहे हैं।

हालांकि, दरगाह के कार्यवाहक के वकील ने कहा कि वह जमीन कब्रिस्तान के लिए आवंटित की गई थी। उन्होंने मस्जिद और कब्रिस्तान की तस्वीरें भी प्रस्तुत कीं।

मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी 2026 को होगी।

भाषा

राजकुमार माधव

माधव