नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने पर भाजपा ने सिद्धरमैया की आलोचना की

नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने पर भाजपा ने सिद्धरमैया की आलोचना की

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  • Publish Date - May 25, 2025 / 12:49 PM IST,
    Updated On - May 25, 2025 / 12:49 PM IST

बेंगलुरु, 25 मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नयी दिल्ली में हुई नीति आयोग शासी परिषद की 10वीं बैठक में शामिल नहीं होने पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की आलोचना करते हुए रविवार को कहा कि कर्नाटक इससे बेहतर का हकदार है।

भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति को उन अवसरों से जानबूझकर पीछे हटना बताया जो कर्नाटक के भविष्य को आकार दे सकते हैं। उन्होंने सिद्धरमैया पर अपनी फिसलती कुर्सी को थामे रहने के लिए बेताब होने और कांग्रेस आलाकमान को खुश करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने शनिवार को नयी दिल्ली में हुई बैठक में सिद्धरमैया के शामिल न होने का कारण राज्य में ‘‘पूर्व निर्धारित कार्यक्रम’’ बताते हुए कहा कि उन्होंने अपना भाषण परिषद में पढ़ने के लिए भेजा था।

उन्होंने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री ने बैठक का बहिष्कार नहीं किया।

विजयेंद्र ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कर्नाटक की कांग्रेस सरकार अपने विकास कार्यों की कमी को छिपाने में असमर्थ है और वह केंद्र पर बकाया का राग अलाप रही है, मानो दिल्ली पर आरोप लगाने से उसकी विफलताएं छिप जाएंगी लेकिन शासन करने का मतलब दोषारोपण करना या शिकायतें करना नहीं होता; यह लोगों के सहयोग और प्रतिबद्धता पर आधारित साझा जिम्मेदारी होती है।’’

उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 में विकसित भारत के साझा दृष्टिकोण को आकार देने के लिए 10वीं नीति आयोग शासी परिषद के लिए प्रत्येक मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया तो मुख्यमंत्री सिद्धरमैया उसमें शामिल नहीं हुए।

विजयेंद्र ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक नेता का किसी बैठक में अनुपस्थित रहना नहीं है – यह उन अवसरों से जानबूझकर पीछे हटना है जो कर्नाटक के भविष्य को आकार दे सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘(वह ऐसे) मुख्यमंत्री (हैं) जो अपनी कुर्सी से चिपके रहने के लिए आतुर हैं, जो अपने लोगों के उत्थान की अपेक्षा अपने आलाकमान को खुश करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। वह प्रगति से ऊपर राजनीति को प्राथमिकता देते हैं लेकिन क्या सच्चा शासन ऐसे में कभी सफल हो सकता है जब राजनीति को लोगों से ऊपर प्राथमिकता दी जाती हो?’’

विजयेंद्र ने कहा कि कर्नाटक इससे बेहतर का हकदार है।

भाषा

सिम्मी नेत्रपाल

नेत्रपाल