पायलटों और अकासा एयर के बीच रोजगार समझौते में हस्तक्षेप नहीं कर सकते: डीजीसीए

पायलटों और अकासा एयर के बीच रोजगार समझौते में हस्तक्षेप नहीं कर सकते: डीजीसीए

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  • Publish Date - September 25, 2023 / 02:22 PM IST,
    Updated On - September 25, 2023 / 02:22 PM IST

नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि वह पायलटों और ‘अकासा एयर’ के बीच रोजगार समझौते में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, जिसने नोटिस अवधि पूरी किए बिना इस्तीफा देने वाले पायलटों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

डीजीसीए ने कहा कि यह संबंधित पक्षों के हित में होगा कि याचिकाकर्ता कंपनी ‘अकासा एयर’ उड़ान संचालन को बनाए रखने के लिए आवश्यक संख्या में पायलट नहीं होने पर सीमित संचालन बनाए रखने संबंधी डीजीसीए के आदेश का अनुपालन करे।

डीजीसीए ने नई विमानन कंपनी ‘अकासा एयर’ की एक याचिका के जवाब में अपनी लिखित दलीलें दायर कीं। अकासा एयर की याचिका में कहा गया है कि अनिवार्य नोटिस अवधि पूरी किए बिना अचानक 43 पायलटों के इस्तीफा देने से कंपनी संकट की स्थिति में है।

न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने 19 सितंबर को कंपनी की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था और पक्षों से अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा था।

कंपनी और उसके सीईओ विनय दुबे ने 14 सितंबर को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें डीजीसीए को ‘गैर-जिम्मेदाराना कार्यों’ के लिए इन पायलटों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

डीजीसीए ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि उसके पास हवाईअड्डा संचालकों, एयरलाइन संचालकों या किसी अन्य हितधारकों के संबंध में किसी भी रोजगार अनुबंध और निर्णयों में हस्तक्षेप करने की कोई शक्ति या अधिकार नहीं है।

डीजीसीए ने अदालत से ‘अकासा एयर’ की याचिका को जुर्माना लगाकर खारिज करने का आग्रह किया और कहा, “डीजीसीए एयरलाइन और पायलट के बीच रोजगार समझौते में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, जिसमें पायलटों की बर्खास्तगी का मामला शामिल है…।”

भाषा जोहेब नरेश

नरेश