शिमला/चंडीगढ़, 17 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) पुलिस कांस्टेबल भर्ती प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच करेगा।
विपक्षी दल कांग्रेस ने भी प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की थी, ताकि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके।
इस महीने की शुरुआत में प्रश्न पत्र लीक की खबरों के बीच, हिमाचल प्रदेश सरकार ने पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए मार्च में आयोजित लिखित परीक्षा को रद्द कर दिया था और मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था।
ठाकुर ने शिमला में अपने आधिकारिक आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का पहला कारण निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में इस मामले की जांच राज्य पुलिस का विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा है।
ठाकुर ने कहा कि सीबीआई को जांच सौंपने का दूसरा कारण इस अपराध में शामिल लोगों का अलग-अलग राज्यों का निवासी होना है।
उन्होंने कहा कि एसआईटी द्वारा की गई अब तक की जांच में सामने आया है कि प्रश्नपत्र लीक मामले में संलिप्त आरोपी देश के 10 अलग-अलग राज्यों में रह रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य पुलिस की एसआईटी द्वारा अब तक की गई जांच से संतुष्टि जताते हुए इसकी सराहना की और कहा कि एसआईटी ने इस मामले में अब तक कम से कम 73 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
ठाकुर ने कहा कि एसआईटी ने 15 मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त करने के साथ ही 8.49 लाख रुपये की नकदी जब्त की है।
गौरतलब है कि राज्य पुलिस बल में 1,334 कांस्टेबल की भर्ती के लिए इस साल 27 मार्च को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें करीब 75,000 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
इससे पहले दिन में, राज्य युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल शुरू की और उन्होंने उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराये जाने और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निलंबित करने की मांग की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश अग्निहोत्री ने चंडीगढ़ में संवाददाताओं से कहा कि एसआईटी के तहत निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती है और मांग की कि उच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई जांच के आदेश दिये जाएं।
भाषा
देवेंद्र दिलीप
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