अदालत ने प्रत्यर्पण प्रावधान को चुनौती देने वाले क्रिश्चियन मिशेल की याचिका पर जवाब मांगा

अदालत ने प्रत्यर्पण प्रावधान को चुनौती देने वाले क्रिश्चियन मिशेल की याचिका पर जवाब मांगा

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  • Publish Date - November 24, 2025 / 05:13 PM IST,
    Updated On - November 24, 2025 / 05:13 PM IST

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपी कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की याचिका पर सोमवार को केंद्र, सीबीआई और ईडी से जवाब मांगा। जेम्स ने भारत-संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) प्रत्यर्पण संधि के एक प्रावधान को चुनौती दी है।

न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मिशेल की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है। उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल, 2026 को निर्धारित की।

अपनी याचिका में मिशेल ने 1999 में हस्ताक्षरित संधि के अनुच्छेद 17 को चुनौती दी है, जो अनुरोध करने वाले देश (इस मामले में भारत) को प्रत्यर्पित व्यक्तियों पर न केवल उस विशिष्ट अपराध के लिए मुकदमा चलाने की अनुमति देता है जिसके लिए प्रत्यर्पण किया गया था, बल्कि उससे जुड़े अपराधों के लिए भी मुकदमा चलाने की अनुमति देता है।

इस संधि के तहत दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किए गए मिशेल के वकील ने तर्क दिया कि प्रत्यर्पित व्यक्ति पर केवल उन्हीं अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है जिनके लिए प्रत्यर्पण हुआ था, न कि उनसे जुड़े अपराधों के लिए। प्रत्यर्पण के बाद, मिशेल को सीबीआई और ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।

वकील ने कहा कि मिशेल चार दिसंबर, 2025 को जेल में सात साल पूरे कर लेगा और उसे एक बार भी जेल से रिहा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच पिछले 13 सालों से जारी है और अभी तक पूरी नहीं हुई है।

मिशेल के वकील ने कहा कि उसने पहले ही उन अपराधों के लिए अधिकतम सजा, यानी सात साल, पूरी कर ली है, जिसके लिए उसे प्रत्यर्पित किया गया था और भारत में उसकी निरंतर हिरासत अवैध है।

इस मामले में जिन तीन कथित बिचौलियों की जांच की जा रही है, उनमें मिशेल भी शामिल है। अन्य दो गुइडो हैश्के और कार्लो गेरोसा हैं।

भाषा आशीष नरेश

नरेश