नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी महेश राउत को उनकी दादी की मृत्यु के बाद होने वाली रस्मों में शामिल होने के लिए दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने निर्देश दिया कि अंतरिम जमानत की अवधि 26 जून से शुरू होगी और राउत को 10 जुलाई को आत्मसमर्पण करना होगा।
पीठ ने कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत के अनुरोध वाले उनके आवेदन पर यह आदेश पारित किया।
पीठ ने कहा, ‘मामले के तथ्यों और परिस्थितियों तथा प्रतिवादी द्वारा पहले ही जेल में बिताई गई अवधि और इस उद्देश्य के लिए अनुरोध की प्रकृति पर विचार करते हुए, हम आवेदक (राउत) को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत देने के लिए इच्छुक हैं, जो 26 जून, 2024 से शुरू होकर 10 जुलाई, 2024 को समाप्त होगी।’’
पीठ ने कहा कि रिहाई की शर्तें विशेष अदालत द्वारा निर्धारित की जाएंगी।
राउत (33) को जून 2018 में गिरफ्तार किया गया था और वह अभी तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।
यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन से संबंधित है और पुणे पुलिस के अनुसार माओवादियों द्वारा सम्मेलन का वित्तपोषण किया गया था।
पुलिस ने आरोप लगाया था कि वहां दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण अगले दिन पुणे में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक पर हिंसा हुई थी।
भाषा अविनाश मनीषा
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