बारेपेटा (असम), 30 दिसंबर (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को हिंदुओं को सलाह दी कि वे राज्य में मुसलमानों की तुलना में गिरती जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए, यदि संभव हो तो, तीन बच्चे पैदा करें।
उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि हिंदू अधिक बच्चे पैदा नहीं करेंगे, तो ‘घर की देखभाल करने के लिए’ लोग नहीं बचेंगे।
उनका यह बयान राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले आया है, जिसके अगले साल मार्च-अप्रैल में होने की संभावना है।
बारपेटा जिले में एक आधिकारिक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से बात करते हुए शर्मा ने कहा, ‘अल्पसंख्यक क्षेत्रों में उनकी जन्म दर अधिक है। हिंदुओं में जन्म दर दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। इसलिए, वहां अंतर बना हुआ है।’
वह असम के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी में कथित वृद्धि पर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘इसीलिए हम हर हिंदू व्यक्ति से कहते हैं कि आपको एक बच्चे पर नहीं रुकना चाहिए और कम से कम दो बच्चे पैदा करने चाहिए। यदि संभव हो तो तीन बच्चे पैदा करें।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी ओर मुस्लिम लोगों को यह सलाह दी जाती है कि वे “7–8 बच्चे” पैदा न करें और अपनी संतान की संख्या कम रखें।
उन्होंने दावा किया, ‘हम हिंदुओं से थोड़े अधिक बच्चे पैदा करने के लिए कहते हैं, अन्यथा घर की देखभाल करने वाला कोई नहीं होगा।’
शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन हुआ है, इसलिए जनसंख्या पैटर्न की सटीक प्रकृति उन्हें तुरंत ज्ञात नहीं है।
असम सरकार ने पांच दिसंबर को, एसटी, एससी, चाय बागान, मोरन और मटक समुदायों के लिए दो बच्चों के नियम में ढील दी, जिससे पूरे राज्य के लिए परिवार नियोजन नियम को धीरे-धीरे लागू करने का सरकार का रुख बदला।
शर्मा ने पहले कहा था कि असम सरकार विशिष्ट राज्य योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के वास्ते लोगों के लिए दो-बच्चे के मानदंड को लागू करेगी।
मुख्यमंत्री ने नौ नवंबर को संवाददाता सम्मेलन में दावा किया था कि हिंदू आबादी की वृद्धि कम हो रही है, जबकि मुसलमानों की वृद्धि बढ़ रही है।
साल 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की कुल आबादी 3.12 करोड़ थी जिसमें से मुस्लिम जनसंख्या 1.07 करोड़ थी (34.22 प्रतिशत) थी। राज्य में 1.92 करोड़ हिंदू थे, जो कुल जनसंख्या का लगभग 61.47 प्रतिशत थे।
भाषा नोमान माधव
माधव