साल का पहला चंद्र ग्रहण कल, वैज्ञानिक ने बताया कहां दिखेगा ‘ब्लड मून’

साल का पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन 16 मई सोमवार को लगने वाला है। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो दुनियाभर के कई देशों में नजर आने

  •  
  • Publish Date - May 15, 2022 / 08:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

First lunar eclipse of the year tomorrow : नई दिल्ली : साल का पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन 16 मई सोमवार को लगने वाला है। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो दुनियाभर के कई देशों में नजर आने वाला है। वैज्ञानिक इसे ‘ब्लड मून’ भी कह रहे हैं।

यह भी पढ़े : कल बंद रहेगी राजधानी रायपुर की ये सड़कें, जेल भरो आंदोलन के चलते ट्रैफिक पुलिस ने डायवर्ट किया रूट 

कितने देर का होगा ग्रहण

साल का पहला चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार सोमवार को सुबह 07 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक दिखाई देगा। इस चंद्र ग्रहण का कुल समय करीब 5 घंटे से ज्यादा रहेगी।

यह भी पढ़े : Nighty पहनकर घर से निकलीं मानुषी छिल्लर!, बोल्ड लुक देख फैंस के छूटे पसीने, देखें वीडियो

भारत में नहीं आएगा नजर

साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। इसलिए यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। वैज्ञानिकों की मानें तो साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से, अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर समेत अंटार्कटिका और एशिया की कुछ जगहों से दिखाई देगा।

यह भी पढ़े : गेहूं की बढ़ती कीमतों के बीच मोदी सरकार का बड़ा फैसला, पंजाब, हरियाणा से गेहूं की खरीद के नियमों में दी ढील

देख सकतें है NASA के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर

भारत में यह चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा, लेकिन अगर आप इस ग्रहण देखना चाहते हैं तो 16 मई को अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर जाकर इसे देख सकते हैं, या फिर सीधे नासा की वेबसाइट nasa.gov/nasalive पर जाकर भी इसे देखा जा सकता है।

यह भी पढ़े : आईपीएल 2022 : गुजरात टाइटंस ने चेन्नई को 7 विकेट से हराया, 67 रन बनाकर नाबाद लौटे साहा

क्यों कहा जा रहा है ब्लड मून

चंद्र ग्रहण उस वक्त होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा की रोशनी को ढक देती है। चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा की रोशनी को ढक लेती है। जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी के किनारों से होकर चांद तक पहुंचती है तो इसका नीला और हरा रंग वातावरण में बिखर जाता है, क्योंकि इनकी वेवलेंथ कम होती है। जबकि लाल रंग की वेवलेंथ ज्यादा होती है और वो चंद्रमा तक पहुंच पाता है। ऐसे में चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देने लगता है। इसे ब्लड मून कहते हैं।