पणजी, 30 दिसंबर (भाषा) गोवा के ‘बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब’ में छह दिसंबर को आग लगने की घटना में अपने परिवार के चार सदस्यों को खोने वालीं भावना जोशी ने याद करते हुए बताया कि क्लब के कर्मचारियों ने अग्निशमन यंत्र न होने पर वाइन ग्लास और बोतलों से पानी डालकर भीषण आग पर काबू पाने की कोशिश की थी।
नाइटक्लब प्रबंधन की ओर से कथित लापरवाही किए जाने को लेकर भावनात्मक सदमे और आक्रोश का सामना कर रहे 25 मृतकों के परिजन ने मामले की तेजी से जांच और मुकदमे की तेज सुनवाई की मांग की है।
जोशी ने मंगलवार को मापुसा की अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा, “मैंने अपने परिवार के सदस्यों को आग में घुटकर मरते हुए देखा है। उनकी क्या गलती थी? आप सोच भी नहीं सकते कि अपने परिवार के चार सदस्यों के शव आग से निकालना कैसा अनुभव होता है।”
जोशी के पति और तीन बहनों की इस घटना में मौत हो गई। संदेह है कि एक प्रस्तुति के दौरान आतिशबाजी होने के कारण आग लगी थी। अधिकारियों ने कहा था कि बाहर निकलने की जगह तंग होने के कारण ज्यादा लोगों की मौत हुई।
नयी दिल्ली की निवासी जोशी ने कहा, “हमारे नाइटक्लब में पहुंचने के महज 15 मिनट बाद यह घटना हुई। आग लगने पर मेरे पति लोगों को शांत कराने में व्यस्त थे। नाइटक्लब से बाहर भाग रहे लोगों ने मुझे धक्का दिया, जिसकी वजह से मैं बच गई। मैंने अपने परिवार की तलाश में वापस जाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने मुझे रोक दिया।”
उन्होंने आरोप लगाया कि नाइटक्लब के प्रबंधन ने आग बुझाने के लिए कुछ नहीं किया।
जोशी ने कहा, “वहां कोई अग्निशमन यंत्र नहीं था। वे पहले वाइन ग्लास और फिर बोतलों से पानी फेंककर आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे।”
जोशी के साथ मौजूद परिवार के एक सदस्य ने कहा कि जांच की प्रगति के बारे में जानने के लिए दो बार गोवा की यात्रा कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि पेश से वकील एक शुभचिंतक ने बिना कोई शुल्क लिए मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने की पेशकश की।
मूल रूप से झारखंड के निवासी विकास मुंडा ने इस घटना में अपने भाई को खो दिया।
उन्होंने अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा, “हम अपने परिवार के सदस्यों के लिए न्याय चाहते हैं। आरोपियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।”
गोवा पुलिस ने नाइटक्लब के तीन मालिकों समेत कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि एक अन्य मालिक सुरिंदर खोसला को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
मापुसा की अदालत ने 26 दिसंबर को नाइटक्लब के मालिकों सौरभ और गौरव लूथरा बंधुओं की पुलिस हिरासत बढ़ा दी थी।
अरपोरा विलेज में हुई इस घटना के कुछ ही घंटे बाद दोनों भाई थाईलैंड भाग गए थे। 17 दिसंबर को उन्हें भारत लाया गया।
भाषा जोहेब माधव
माधव