बीवी के लिए 5 हजार रुपए से ज्यादा की साड़ी नहीं खरीद सकेंगे सरकारी कर्मचारी! लेनी होगी बड़े अफसरों से अनुमति, यहां जारी हुआ अजीबोगरीब आदेश

बीवी के लिए 5 हजार रुपए से ज्यादा की साड़ी नहीं खरीद सकेंगे सरकारी कर्मचारी! Government Employee Will Have to Take Permission to Buy Saree for His Wife

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  • Publish Date - July 18, 2025 / 08:31 PM IST,
    Updated On - July 18, 2025 / 08:31 PM IST
HIGHLIGHTS
  • 5000 की कोई भी चल संपत्ति खरीदने पर अनुमति जरूरी
  • हर 5 साल में संपत्ति की घोषणा
  • अनिवार्य कर्मचारियों में भारी नाराजगी

देहरादूनः Take Permission to Buy Saree  रोटी, कपड़ा और मकान ये तीन चीजें आम से लेकर खास आदमी की बुनियादी सुविधाओं में शामिल होता है। इन तीन चीजों के लिए आदमी जीवन में कई तरह का संघर्ष करता है। इन तीनों चीजों पर आदमी अपने पसंद के अनुसार पैसा खर्च करता है, लेकिन सोचों इसके लिए अगर किसी से परमिशन लेना पड़े तो कितनी परेशानी हो सकती है? ऐसा ही मामला उत्तराखंड से सामने आया है। यहां अपनी सैलरी में से 5000 रुपए खर्च करने पर अपने उच्च अधिकारियों से परमिशन लेना पड़ेगा। इसके लिए सरकार ने बकायदा एक निर्देश पत्र भी जारी किया है। अब इसके बाद उत्तराखंड में कई तरह की बातें निकलकर सामने आ रही है। कर्मचारियों के बीच सरकार के खिलाफ नाराजगी का माहौल पनप रहा है।

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Take Permission to Buy Saree दरअसल, राज्य सरकार की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि कोई सरकारी कर्मचारी जो अपने एक महीने के वेतन अथवा 5,000 रुपए, जो भी कम हो, से अधिक मूल्य की किसी चल सम्पत्ति के संबंध में क्रय-विक्रय के रूप में या अन्य प्रकार से कोई व्यवहार करता है, तो ऐसे व्यवहार की रिपोर्ट तुरन्त समुचित प्राधिकारी को करेगा।” जैसा कि आदेश में लिखा हुआ है उसके हिसाब से अब वो न तो बच्चों के कपड़े खरीद पाएंगे और ना ही पत्नी के लिए साड़ी। पत्नी के लिए आभूषण हो या फिर बच्चों के लिए लैपटॉप, घर के लिए एसी हो या फिर कूलर… इन सभी चीजों को खरीदने और बेचने के लिए सबसे पहले अपने विभागाध्यक्ष या फिर सचिवालय के कर्मचारियों को सचिव सचिवालय प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी। कई लोग दबी जुबान से यह भी कह रहे हैं कि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी का एक बड़ा हिस्सा उनके परिवार पर खर्च होता है। ऐसे में क्या सरकारी कर्मचारी अब अपने बीबी-बच्चों के लिए 5000 रुपए का कपड़ा भी नहीं खरीद सकता? इसके अलावा नियुक्ति के समय और हर पांच वर्ष की अवधि बीतने पर प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को अपनी अचल संपत्ति की घोषणा करनी होगी, जिसका वह स्वयं मालिक हो। ये भी स्पष्ट है कि उनका अफसर कभी भी सभी चल, अचल संपत्ति का विवरण मांग सकता है।

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कर्मचारियों में रोष

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष अरुण पांडेय का कहना है कि यह आदेश वर्ष 2002 का है। तब से अब तक वेतन काफी बदल गया है, उस हिसाब से कार्रवाई होनी चाहिए। प्रदेश सरकार ने कर्मचारी आचरण नियमावली में सरकारी कर्मचारियों द्वारा चल, अचल और बहुमूल्य संपत्ति की खरीद के लिए व्यवस्था सुनिश्चित की है। इसमें कर्मचारियों को एक मास का वेतन अथवा पांच हजार रुपये जो भी कम हो, से अधिक की चल संपत्ति की खरीद अथवा बिक्री के लिए समुचित प्राधिकारी को रिपोर्ट करने की व्यवस्था की है। इसी प्रकार सभी सरकारी कर्मचारियों को प्रथम नियुक्ति के समय और उसके बाद हर पांच वर्ष की अवधि बीतने पर उन्हें अपनी अचल संपत्ति की घोषणा करने की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार अचल संपत्ति की खरीद व बिक्री के लिए भी इसकी अनुमति समुचित प्राधिकारी से लेने का प्रविधान है।

क्या यह नियम नया है?

नहीं, यह आदेश वर्ष 2002 से लागू है लेकिन अब इसे दोबारा सख्ती से लागू किया जा रहा है, जिससे विवाद बढ़ गया है।

किन चीजों को खरीदने पर अनुमति लेनी होगी?

अगर कोई कर्मचारी 5,000 रुपये से अधिक कीमत की चल संपत्ति (जैसे कपड़े, मोबाइल, एसी, लैपटॉप, आभूषण आदि) खरीदता है, तो उसे विभाग को सूचना देनी होगी या अनुमति लेनी होगी।

क्या यह नियम सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा?

हाँ, यह नियम उत्तराखंड सरकार के सभी स्थायी, अस्थायी और संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों पर लागू होता है।

क्या इस आदेश का विरोध हो रहा है?

हाँ, कर्मचारी संगठनों ने इस नियम को अव्यवहारिक बताया है और इसे मौजूदा वेतनमान के अनुसार अपडेट करने की मांग की है।

संपत्ति की जानकारी कब-कब देनी होगी?

प्रथम नियुक्ति पर और हर पाँच वर्ष बाद अचल संपत्ति की घोषणा करना अनिवार्य है। अधिकारी जब चाहे, चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा भी मांग सकता है।