मैं मरने के लिए तैयार हूं… अकेलेपन का शिकार बने पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता ने क्यों कही ये बात ?

Yograj Singh: 62 वर्षीय योगराज सिंह ने कहा कि वह अपने होम टाउन में अकेले समय बिता रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके जीवन में देखने या अनुभव करने के लिए कुछ भी नहीं बचा है।

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  • Publish Date - November 18, 2025 / 04:14 PM IST,
    Updated On - November 18, 2025 / 04:14 PM IST

Yograj Singh, image source: file image

HIGHLIGHTS
  • मैं मरने को तैयार हूं, मेरा जीवन पूरा हो गया : योगराज सिंह 
  • योगराज सिंह ने खुद को बताया निर्दोष
  • होम टाउन में अकेले समय बिता रहे योगराज सिंह

नईदिल्ली: Yograj Singh, दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह के पिता और पूर्व भारतीय क्रिकेटर, अभिनेता और कोच योगराज सिंह इन दिनों अकेलेपन का शिकार हैं। अब इसके बारे में उन्होंने खुलकर बातें रखी हैं। 62 वर्षीय योगराज सिंह ने कहा कि वह अपने होम टाउन में अकेले समय बिता रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके जीवन में देखने या अनुभव करने के लिए कुछ भी नहीं बचा है।

योगराज सिंह ने एक संस्थान को दिए इंटरव्यू में कहा, “मैं शाम को अकेला बैठा रहता हूं, घर पर कोई नहीं होता। खाने के लिए मुझे अजनबियों पर निर्भर रहना पड़ता है, कभी एक, कभी दूसरा। हालांकि, मैं किसी को परेशान नहीं करता। अगर मुझे भूख लगती है तो कोई न कोई मेरे लिए खाना ले आता है। मैंने घर में नौकर और रसोइया रखे हैं, वे खाना परोसकर चले जाते हैं।”

मैं मरने को तैयार हूं, मेरा जीवन पूरा हो गया : योगराज सिंह

उन्होंने आगे कहा, “मैं अपनी मां, बच्चों, बहू, नाती-पोतों, परिवार के सभी लोगों से बहुत प्यार करता हूं, लेकिन, मैं कुछ नहीं मांगता। मैं मरने को तैयार हूं। मेरा जीवन पूरा हो गया है, भगवान जब चाहें, मुझे अपने साथ ले जा सकते हैं। मैं भगवान का बहुत आभारी हूं, मैं प्रार्थना करता हूं और वह देते रहते हैं।”

आपको बता दें कि योगराज सिंह का निजी जीवन उनके क्रिकेट करियर के जैसा ही जटिल रहा है। उन्होंने सबसे पहले शबनम कौर से शादी की, जिनसे उनके दो बेटे, युवराज और जोरावर, हुए। लगातार वैवाहिक जीवन में कलह के बीच यह शादी आखिरकार टूट गई।

योगराज ने नीना बुंदेल से की दूसरी शादी

युवराज सिंह ने खुद बताया कि उन्होंने तलाक का सुझाव इसलिए दिया, क्योंकि उनके माता-पिता “हमेशा झगड़ते रहते थे।” इसके बाद योगराज ने नीना बुंदेल से दूसरी शादी की, जिनसे उनका एक बेटा विक्टर और एक बेटी अमरजोत है। योगराज सिंह कहते हैं कि निर्णायक क्षण तब आया जब शबनम और युवराज उनका घर छोड़कर चले गए। योगराज ने कहा कि वह असहाय थे और सोच रहे थे कि जिन लोगों से वह प्यार करते थे, वे उन्हें क्यों छोड़ रहे हैं।

योगराज सिंह ने खुद को बताया निर्दोष

योगराज सिंह ने आगे बताया, “जब बात इतनी बढ़ गई कि युवी और उसकी मां मुझे छोड़कर चले गए, तो मुझे सबसे बड़ा झटका लगा। जिस औरत के लिए मैंने अपनी पूरी जिंदगी, अपनी पूरी जवानी लगा दी, वो मुझे छोड़कर कैसे जा सकते हैं? बहुत सी चीजें इसी तरह बर्बाद हो गईं। मैंने भगवान से पूछा कि ये सब क्यों हो रहा है, जबकि मैंने सबके साथ सब कुछ सही किया था। हो सकता है मुझसे कुछ गलतियां हुई हों, लेकिन मैं एक निर्दोष इंसान हूं, मैंने किसी का कुछ बुरा नहीं किया। मैं भगवान के सामने रोया, उन्होंने मुझे उस भवसागर से बाहर निकाला।”

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