(सुदीप्तो चौधरी)
कोलकाता, 23 दिसंबर (भाषा) दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी के सम्मान में संगीतमय प्रस्तुति देकर इसे यादगार बनाने की ख्वाहिश लेकर लंदन से आए भारतीय गायक चार्ल्स एंटनी के लिए यह पूरा वाकया तब एक भयावह अनुभव में बदल गया जब उन्हें अपनी जान बचाकर वहां से भागना पड़ा।
एंटनी यहां सॉल्ट लेक स्टेडियम में कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के लिए खासतौर से भारत आए थे।
बंगाली समेत 18 भाषाओं में गाने वाले मलयाली गायक एंटनी ने मेस्सी के स्वागत के लिए एक विशेष स्पेनिश गीत तैयार किया था लेकिन 13 दिसंबर को यहां विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन में हुए इस कार्यक्रम के दौरान मची अफरा-तफरी में उन्हें अपनी जान बचाकर भागना पड़ा और वह गीत गा नहीं सके।
एंटनी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं अपनी जान बचाने के लिए भागा।’’ उन्होंने बताया कि लोगों से खचाखच भरे स्टेडियम में जब भीड़ बेकाबू हो गयी तो हालात बिल्कुल असामान्य हो गए।
अर्जेंटीना के उस सुपरस्टार मेस्सी की एक झलक भी न देख पाने से नाराज प्रशंसक हंगामा करने लगे, जिसके लिए उनमें से कई ने 4,000 से 12,000 रुपये और कुछ ने काला बाजार में 20,000 रुपये तक का टिकट खरीदा था।
एंटनी ने इस घटना के बीत जाने के 10 दिन बाद कहा, ‘‘मैं उन्हें बमुश्किल देख पा रहा था। वह मुस्कुरा रहे थे लेकिन साफ दिख रहा था कि वह असहज थे।’’
गैलरी के पास ट्रैक पर खड़े एंटनी ने देखा कि मेस्सी, लंबे समय से उनके साथी लुइस सुआरेज़ और अर्जेंटीना के खिलाड़ी रोड्रिगो डे पॉल को लोग घेर रहे थे।
उन्होंने देखा कि गैलरी से पानी की बोतलें, खाने के पैकेट, पत्थर और धातु के सामान फेंके जा रहे थे और दहशत फैल चुकी थी।
एंटनी ने कहा, ‘‘किस्मत अच्छी थी कि मुझे चोट नहीं लगी और मेरा कोई उपकरण खराब नहीं हुआ।
कोलकाता में डिएगो माराडोना के सामने गाने के अनुभव की तुलना में एंटनी के लिए यह आयोजन बेहद अव्यवस्थित था।
उन्होंने कहा कि वीवीआईपी के निकलते ही लोग मैदान में उतर आए और पूर्व क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली भी स्टेडियम से निकल गए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें सुरक्षित जगह भागने को कहा।
किसी से कोई मदद न मिल पाने के बाद उन्होंने अपना गिटार और बाकी का सामान समेटा और किसी तरह होटल पहुंचे।
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने मुझे गलती से आयोजकों में से एक समझ लिया था। एक बार के लिए मेरी जान खतरे में पड़ गयी थी।’’
पुलिस ने उन्हें गैलरी से होने वाले हमलों से बचने के लिए मैदान के बीच में जाने की सलाह दी।
बिना किसी मदद के उन्होंने अपना गिटार और बाकी सामान समेटा और होटल तक दौड़ लगायी।
घटना के बाद कार्यक्रम के आयोजक सतादु दत्ता से संपर्क नहीं हो सका और स्थिति बेहद अनिश्चित रही। एंटनी ने दावा किया कि उन्होंने कोई पारिश्रमिक नहीं लिया था, केवल यात्रा और ठहरने का खर्च आयोजकों ने उठाया था।
पूरे अनुभव के बावजूद एंटनी ने किसी एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराने से इनकार किया।
भाषा गोला मनीषा
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