‘जेईई-एडवांस्ड’ में अव्वल रहने वालों का सफलता मंत्र: ‘मॉक टेस्ट’ का विश्लेषण और समय-समय पर ‘ब्रेक’

‘जेईई-एडवांस्ड’ में अव्वल रहने वालों का सफलता मंत्र: ‘मॉक टेस्ट’ का विश्लेषण और समय-समय पर ‘ब्रेक’

Edited By :  
Modified Date: June 2, 2025 / 02:53 PM IST
,
Published Date: June 2, 2025 2:53 pm IST

कोटा, दो जून (भाषा) देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा ‘जेईई एडवांस्ड’ में अव्वल रहने वाले विद्यार्थियों ने अपनी सफलता का श्रेय ‘मॉक पेपर’ का विश्लेषण करना, ‘एनसीईआरटी’ की पाठ्यपुस्तकों पर ध्यान केंद्रित करना और समय-समय पर ब्रेक लेने को दिया है।

उनका कहना है कि सफलता के इन सूत्रों से उन्हें ‘राष्ट्रीय इंजीनियरिंग परीक्षा’ पास करने में मदद मिली।

आईआईटी प्रवेश परीक्षा ‘जेईई-एडवांस्ड’ को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। ‘जेईई-एडवांस्ड 2025’ के नतीजे सोमवार सुबह घोषित किए गए। इसमें दो शीर्ष दो रैंकधारकों ने अपनी रणनीतियों एवं समझ को ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साझा किया।

‘ऑल-इंडिया टॉपर’ राजित गुप्ता ने कहा कि उसने 10वीं कक्षा से अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। राजित ने कहा, ‘‘मेरी तैयारी में कुछ खास नहीं था। मेरा मुख्य लक्ष्य निर्धारित कार्यों को पूरा करना और समय पर ‘मॉड्यूल’ हल करना था।’’

राजित ने इस परीक्षा में 360 में से सबसे ज्यादा 322 अंक हासिल किए।

उसने कहा कि उसने ‘एचसी वर्मा’ और इरोडोव के चुनिंदा प्रश्न भी हल किए लेकिन मुख्य रूप से एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक पर ध्यान केंद्रित किया। राजित ने कहा,‘‘मैंने यह तय नहीं किया कि कम से कम इतने घंटे पढ़ना ही है। यह एक पूरे विषय को पूरा करने पर निर्भर करता था। आमतौर पर मेरा ज्यादातर समय पढ़ाई में बीतता है।’’

उसने कहा कि जब वह किसी प्रश्न को हल नहीं कर पाता तो ब्रेक लेता। उसने कहा,‘‘मैं अपनी छोटी बहन से बात करता था, जिससे मेरा मूड बदल जाता था और फिर मैं पढ़ाई में लग जाता था।’’

राजित के पिता और यहां बीएसएनएल के इंजीनियर दीपक गुप्ता ने कहा कि राजित ने ढेर सारे ‘मॉक पेपर’ हल किए।

हरियाणा के हिसार का सक्षम जिंदल ‘कॉमन रैंक लिस्ट (सीआरएल)’ में दूसरे स्थान पर आया है। उसने कहा कि वह पिछले दो वर्षों से तैयारी के लिए कोटा में रह रहा है।

राजित और सक्षम दोनों ने अपनी तैयारी के लिए ‘एलन करियर’ इंस्टीट्यूट में पढ़ाई की।

सक्षम ने कहा कि चूंकि उसे गणित में आत्मविश्वास था, इसलिए उसने भौतिकी और रसायन विज्ञान पर अधिक ध्यान केंद्रित किया।

सक्षम ने कहा किा अपने ‘मॉक टेस्ट’ का नियमित विश्लेषण करने से आपकी अवधारणा में सुधार होगा तथा आपको परीक्षा के दौरान घबराहट से उबरने में मदद मिलेगी।

भविष्य के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा, ‘‘मुख्य रूप से मेरा लक्ष्य आईआईटी बॉम्बे में दाखिल लेना है।’’

उसने कहा,‘‘फिलहाल, बेहतर अवसरों के लिए विदेश जाने के बारे में मेरी कोई योजना नहीं है।’’

भाषा स. पृथ्वी नरेश राजकुमार

राजकुमार

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)