कश्मीर के आईजीपी ने पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने को लेकर आतंकवादियों को आगाह किया

कश्मीर के आईजीपी ने पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने को लेकर आतंकवादियों को आगाह किया

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  • Publish Date - June 29, 2021 / 10:19 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

श्रीनगर, 29 जून (भाषा) कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने मंगलवार को आतंकवादियों को आगाह किया कि वे ऑफ-ड्यूटी पुलिसकर्मियों को आसान लक्ष्य बनाकर पुलिस के क्रोध को भड़काने की हिमाकत न करें।

कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”पुलिसकर्मी स्थानीय हैं और उन्हें भी अपने परिवारों के साथ रहना है। हम उन्हें अन्य सुरक्षा बलों की तरह शिविरों में नहीं रख सकते। उन्हें आसानी से निशाना बनाया जाता है।”

कुमार ने पिछले सप्ताह की गई सीआईडी निरीक्षक परवेज अहमद दार की हत्या का जिक्र करते हुए कहा, ”यदि वे (आतंकवादी) उन्हें (पुलिसकर्मियों को) निशाना बनाते रहे तो हम जानते हैं कि उनसे कैसे निपटना है। मेरे पास 24 साल का अनुभव है। हम जानते हैं कि इससे कैसे निपटा जाता है। ”

आईजीपी ने कहा कि आतंकवादियों को निर्दोष लोगों की जान नहीं लेनी चाहिये।

कुमार ने कहा, ”मैं उन्हें (आतंकवादियों को) को आगाह करता हूं कि वे ऐसे कृत्यों से बाज आएं।”

आईजीपी ने कहा कि आतंकवादी भय पैदा करने के लिये आसानी से निशाने पर आने वाले लोगों पर हमले कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”इंस्पेक्टर ने क्या किया था? कार्यालय से छुट्टी के बाद, वह मस्जिद में नमाज़ अदा करने गए थे। दो आतंकवादियों ने उन्हें पीछे से गोली मार दी। वह एसओजी या किसी आतंकवाद विरोधी दस्ते का हिस्सा नहीं थे। सिर्फ भय पैदा करने के लिए, आतंकवादी निर्दोष लोगों को निशाना बना रहे हैं।”

कुमार ने शहर के बाहरी इलाके मलूरा में चलाए गए अभियान के बारे में कहा कि इसमें लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर नदीम अबरार और उसका पाकिस्तानी सहयोगी मारा गया, जो सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता है।

आईजीपी ने कहा कि श्रीनगर में सक्रिय आतंकवादियों को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है।

उन्होंने कहा, ”हम श्रीनगर में सक्रिय मॉड्यूल को जल्द ही बेअसर कर देंगे। कुछ स्लीपर सेल हैं जिन्हें हम अंशकालिक या हाइब्रिड आतंकवादी कहते हैं। हम पूर्णकालिक आतंकवादियों का पता लगा रहे हैं लेकिन अंशकालिक आतंकवादियों का पता लगाने में कठिनाई होती है क्योंकि वे किसी घटना को अंजाम देने के बाद अपने सामान्य काम पर वापस लौट जाते हैं। फिर भी हम उन्हें जल्द ही पकड़ लेंगे।”

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा