केरल: मादक पदार्थ समस्या को लेकर विधानसभा में एलडीएफ और यूडीएफ विधायकों के बीच जुबानी जंग

केरल: मादक पदार्थ समस्या को लेकर विधानसभा में एलडीएफ और यूडीएफ विधायकों के बीच जुबानी जंग

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  • Publish Date - December 9, 2022 / 05:47 PM IST,
    Updated On - December 9, 2022 / 05:47 PM IST

तिरुवंतपुरम, नौ दिसंबर (भाषा) केरल में मादक पदार्थ माफिया को राजनीतिक दलों की ओर से मिल रहे कथित समर्थन के मुद्दे पर शुक्रवार को विधानसभा में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के सदस्यों के बीच जुबानी जंग देखने को मिली।

कांग्रेस-नीत यूडीएफ के सदस्यों ने जब आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के मादक पदार्थ माफिया से संबंध हैं, तो स्थानीय स्वशासन मंत्री एम.बी. राजेश ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि इतने गंभीर मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि वाम मोर्चा सरकार मादक पदार्थों के सेवन और समाज पर इसके प्रभाव को बेहद गंभीरता से देख रही है।

मंत्री ने कहा, “हमें उन लोगों की कड़ी निंदा करनी चाहिए और उन्हें त्यागना चाहिए जो मादक पदार्थ के सेवन और बिक्री में शामिल हैं और इससे संबंधित अपराध करते हैं। फिर चाहे वह किसी भी संगठन या राजनीतिक दल का नेता हो।”

हालांकि, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सतीशन ने अपने भाषण में मंत्री के दावे को खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के स्थानीय नेता व कार्यकर्ता हाल के दिनों में मादक पदार्थों से संबंधित कई मामलों में शामिल थे।

जब उन्होंने ऐसे कुछ मामलों में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के स्थानीय नेताओं की कथित संलिप्तता का जिक्र किया, तो नाराज एलडीएफ विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया और उनके भाषण को बाधित करने की कोशिश की।

उन्होंने आरोप लगाया कि कोझिकोड में मेप्पदी गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक में मादक पदार्थ का सेवन करने के लिए एसएफआई इकाई के एक सचिव को प्राचार्य ने निलंबित कर दिया था।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उसी कॉलेज में एसएफआई की उपाध्यक्ष अपर्णा गौरी पर हाल ही में कुछ हमलावरों ने क्रूरतापूर्वक हमला किया था और उन्होंने खुद कहा था कि इस हमले के पीछे मादक पदार्थ माफिया का हाथ है।

सतीशन ने जब कहा कि इस तरह के मामलों में “राजनीतिक प्रायोजन” होता है, तो सत्तारूढ़ मोर्चे के सदस्यों ने अपनी आवाज ऊंची कर दी और भाषण को बाधित करने की कोशिश की।

नाराज नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “आवाज ऊंची करके मुझे डराने की कोशिश न करें।”

बाद में विधानसभा अध्यक्ष ए.एन. शमशीर ने निर्धारित कामकाज कम करके दिन भर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

भाषा

जोहेब पवनेश

पवनेश