नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने मणिपुर में संचालित नौ मैतेई उग्रवादी समूहों और उनके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध पांच साल और बढ़ाने के फैसले पर विचार के लिए एक न्यायाधिकरण का मंगलवार को गठन किया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश विरोधी गतिविधियों और सुरक्षा बलों पर घातक हमले करने के लिए लगभग 15 दिन पहले मैतेई उग्रवादी समूहों और उनके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध बढ़ा दिया था।
मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 5 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, केंद्र सरकार ने गोहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार मेधी की सदस्यता में ‘गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण’ का गठन किया है, जो यह फैसला करेगा कि मणिपुर के मैतेई उग्रवादी संगठनों के साथ-साथ उनके गुटों, विंग और फ्रंट संगठनों को ‘गैरकानूनी’ घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं।
भाषा जोहेब रंजन
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