अब 4 प्रयासों में ही पास करना होगा फर्स्ट ईयर, इतने सालों के बाद माना जाएगा फेल, इस कोर्स के लिए जारी हुआ नया नियम

अब 4 प्रयासों में ही पास करना होगा फर्स्ट ईयर, इतने सालों के बाद माना जाएगा फेल, National Medical Commission issued new guideline for MBBS course

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  • Publish Date - June 12, 2023 / 04:36 PM IST,
    Updated On - June 12, 2023 / 05:31 PM IST

New guideline for MBBS course

नई दिल्लीः New guideline for MBBS course राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार, एमबीबीएस करने वाले छात्रों को प्रवेश की तिथि से नौ वर्ष के भीतर पाठ्यक्रम पूरा करना होगा जबकि उन्हें प्रथम वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिये केवल चार प्रयास मिलेंगे। नए स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियम 2023 या जीएमईआर-23 में, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने कहा है कि नीट-यूजी मेधा सूची के आधार पर देश के सभी चिकित्सा संस्थानों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक सामान्य काउंसलिंग होगी।

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New guideline for MBBS course एनएमसी ने दो जून को एक गजट अधिसूचना में कहा, “किसी भी परिस्थिति में, छात्र को प्रथम वर्ष (एमबीबीएस) के लिए चार से अधिक प्रयासों की अनुमति नहीं दी जाएगी और किसी भी छात्र को पाठ्यक्रम में प्रवेश की तारीख से नौ वर्ष बाद स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।” अनिवार्य रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप विनियम, 2021 के अनुसार स्नातक चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम में भर्ती हुए छात्र को स्नातक तब तक पूरा नहीं माना जाएगा जब तक कि वह अपनी ‘रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप’ पूरी नहीं कर लेता।

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गजट में कहा गया, “वर्तमान विनियमों या अन्य एनएमसी विनियमों में कही गई किसी भी बात के पूर्वाग्रह के बिना, नीट-यूजी की मेधा सूची के आधार पर भारत में सभी चिकित्सा संस्थानों के लिए चिकित्सा में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सामान्य काउंसलिंग होगी।” इसमें कहा गया कि काउंसलिंग पूरी तरह से एनएमसी द्वारा प्रदान किए गए सीटों के पैमाने पर आधारित होगी, बशर्ते साझा काउंसलिंग में कई चक्र हो सकते हैं, जैसी आवश्यक हो। स्नातक चिकित्सा शिक्षा बार्ड (यूजीएमईबी) सामान्य काउंसलिंग के संचालन के लिए दिशानिर्देश प्रकाशित करेगा और धारा 17 के तहत नामित प्राधिकारी प्रकाशित दिशानिर्देशों के अनुरूप काउंसलिंग का आयोजन करेगा।