उत्तराखंड के तपोवन में नौसेना के दल ने हिमनद झील की गहराई मापी

उत्तराखंड के तपोवन में नौसेना के दल ने हिमनद झील की गहराई मापी

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  • Publish Date - February 21, 2021 / 09:57 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) एक संयुक्त अभियान के तहत भारतीय वायुसेना के एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एचएएल) की मदद से नौसेना के गोताखोरों ने उत्तराखंड के तपोवन में ऊंचाई वाले इलाके में बनी हिमनद (ग्लेशियल) झील की गहराई मापी। नौसेना की तरफ से रविवार को यह जानकारी दी गई।

राज्य के चमोली जिले में सात फरवरी में ग्लेशियर टूटने की वजह से नदियों के जलस्तर में इजाफा होने के बाद आई आपदा में अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 137 लोग अब भी लापता हैं। आपदा के बाद ऋषिगंगा के ऊपर के क्षेत्र में एक कृत्रिम झील बन गई थी।

नौसेना के गोताखोरों ने औसत समुद्र तल से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर शनिवार को इस अभियान को अंजाम दिया।

नौसेना ने कहा, “नौसेना के गोताखोरों ने हेलिकॉप्टर से नीचे उतरने और हाथ में पकड़े जाने वाले इको साउंडर की मदद से गहराई नापने के चुनौतीपूर्ण अभियान को अंजाम दिया। इस दौरान पानी का तापमान लगभग जमाव बिंदू पर था। इस पूरी कवायद के दौरान वायुसेना के पायलटों ने दुर्गम पहाड़ी इलाके में सटीक पोजीशन कायम रखी।”

इस आंकड़े से वैज्ञानिकों को बांध की मिट्टी की दीवार पर दबाव का आकलन करने में मदद मिलेगी।

इस महीने के शुरू में अचानक आई विनाशकारी बाढ़ के बाद मलबे के कारण यह कृत्रिम झील बनी थी।

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक यह झील 400 मीटर लंबी, 25 मीटर चौड़ी और 60 मीटर गहरी है।

भाषा प्रशांत पवनेश

पवनेश