ममता की महारैली में विपक्ष का जमावड़ा, 13 पार्टियों के नेता रहे मौजूद, मोदी सरकार के खिलाफ हुंकार

ममता की महारैली में विपक्ष का जमावड़ा, 13 पार्टियों के नेता रहे मौजूद, मोदी सरकार के खिलाफ हुंकार

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  • Publish Date - January 19, 2019 / 07:54 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:56 PM IST

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता दिखाने के लिए शनिवार को कोलकाता में महारैली का आयोजन किया। इसमें कांग्रेस, बसपा, राकांपा समेत 13 पार्टियों के नेता मंच पर मौजूद रहे।

इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि हमारे लिए मोदी मुद्दा नहीं है, हमारे लिए देश के लोगों के मुद्दे ही मुद्दा हैं। वो चाहते हैं कि हम मोदी को मुद्दा बनाएं, लेकिन हमें इससे बचना होगा। यह पहली सरकार है जो आंकड़ों से छेड़छाड़ करती है। भाजपा ने देश की हर संस्था को बर्बाद किया है। देश में आर्थिक व्यवस्था चौपट हो चुकी है।

सिन्हा ने कहा कि मंच पर मौजूद बैठे सभी ताकतवर नेताओं से आग्रह करता हूं कि मैं तो फकीरी की ओर हूं, मुझे कुछ नहीं चाहिए। बस मेरा एक ही लक्ष्य है कि इस सरकार को बाहर करें। इसके लिए जरूरी है कि सभी तय करें बीजेपी के प्रत्याशी के सामने हमारा एक ही उम्मीदवार खड़ा हो। अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी का सफाया निश्चित है।

वहीं गुजरात के कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि विपक्ष के एकजुट होने का बड़ा संदेश है। 2019 में भाजपा और संघ को सत्ता से हटाने की चुनौती है। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को क्षेत्रीय दल जवाब देंगे। बता दें कि ममता ने इस रैली को भाजपा के लिए आम चुनाव में ‘मौत की दस्तक’ बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ममता को चिट्ठी लिखकर रैली का समर्थन किया है।

रालोद नेता जयंत चौधरी ने महारैली में कहा कि हम साथ खड़े होंगे, साथ लड़ेंगे और भाजपा के शासन को उखाड़ फेकेंगे। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग ने कहा कि देश के लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है। मैं यहां पर ममता दीदी के हाथों को मजबूत करने आया हूं। हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा की इस सरकार में दलितों और आदिवासियों का शोषण हो रहा है। इसलिए क्षेत्रीय दलों को इन सांप्रदायिक ताकतों को जवाब देना पड़ेगा। हार्दिक पटेल ने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यह जनसैलाब एक ऐसी क्रांति लेकर आएगा, जिसकी कल्पना नहीं की गई होगी।

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम एक होकर एक नया भारत बनाएंगे। इसके लिए भाजपा को सत्ता से हटाना होगा। जनता भी यही चाहती है। वह कह रही है कि अब मोदी सरकार नहीं चाहिए। हमें जनता के इस सपने को पूरा करना है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए हमें अर्जुन की तरह सिर्फ एक ही लक्ष्य रखना होगा और वह यह कि भाजपा को किसी भी हालत में सत्ता में हटाना है। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इस साल नई हुकूमत बनेगी, जो सबको साथ लेकर चलेगी। वह सभी संस्थाओं का सम्मान करेगी। आज देश के हर हिस्से में आग लगाई जा रही है। इस आग को बुझाने के लिए हमें इकट्ठे होना होगा।

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गौरतलब है कि रैली में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा (जेडीएस), राकांपा प्रमुख शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, जेएमएम प्रमुख हेमंत सोरेन, अरुणाचल के पूर्व मुख्यमंत्री गेगोंग अपांग, भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, राष्ट्रीय लोक दल के नेता अजीत सिंह, डीएमके नेता एमके स्टालिन और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला शामिल हुए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी रैली में शिरकत की। गुजरात के कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी, पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा भी रैली में शामिल हुए।