Pawan Khera on Sanchar Saathi App: BJP है ‘भारतीय जासूस पार्टी’, कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप, कहा- ‘संचार साथी’ ऐप से घर में घुसने का षड्यंत्र

Pawan Khera on Sanchar Saathi App: BJP है ‘भारतीय जासूस पार्टी’, कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप, कहा- ‘संचार साथी’ ऐप से घर में घुसने का षड्यंत्र

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  • Publish Date - December 3, 2025 / 04:32 PM IST,
    Updated On - December 3, 2025 / 04:33 PM IST

Pawan Khera on Sanchar Saathi App/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • “मोदी सरकार और आपकी प्राइवेसी
  • 2017 से 2025 तक हर कदम पर निगरानी
  • कांग्रेस ने किया हमला

नई दिल्ली: Pawan Khera on Sanchar Saathi App:   कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि वह भारतीय जासूस पार्टी बन चुकी है और इसके पीछे ‘संचार साथी’ ऐप के माध्यम से लोगों की निजी जानकारी जुटाने का षड्यंत्र है। पार्टी के मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भले ही ऐप से जुड़े दावों से इनकार कर चुके हों, लेकिन संबंधित निर्देश को अब तक लिखित रूप में वापस नहीं लिया गया है।

Pawan Khera on Sanchar Saathi App: खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार की डिजिटल निगरानी की नीति लंबे समय से सवालों के घेरे में रही है और इसके कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। उन्होंने इसके इतिहास को इस प्रकार पेश किया:

  • 2017: मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में निजता को मौलिक अधिकार मानने का विरोध किया।
  • 2018: 10 एजेंसियों को बिना न्यायिक निगरानी के किसी भी कंप्यूटर से जानकारी इंटरसेप्ट करने का अधिकार दिया गया।
  • 2019: पेगासस जासूसी कांड में विपक्षी नेता, पत्रकार, न्यायाधीश और केंद्रीय मंत्रियों पर जासूसी की गई।
  • 2020: नमो ऐप के तहत कई व्हिसलब्लोअर्स और पत्रकारों के निजी डेटा के लीक और दुरुपयोग की घटनाएँ सामने आईं।
  • 2021: नागरिकों की निजी जानकारी और उनका डेटा निजी कंपनियों को बेचकर 100 करोड़ रुपये से अधिक कमाए गए।
  • 2023: सरकार ने सूचना का अधिकार (RTI) कानून को जानबूझकर कमजोर किया।
  • 2025: आयकर अधिनियम में बदलाव करके खुद को ईमेल, क्लाउड अकाउंट, मैसेजिंग ऐप, सोशल मीडिया, ऑनलाइन बैंकिंग और IoT उपकरणों तक की छानबीन का अधिकार दिया।

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“संचार साथी ऐप विवाद क्या है?”

यह विवाद इस बात को लेकर है कि कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार संचार साथी ऐप के माध्यम से नागरिकों की निजी जानकारी जुटा रही है और डिजिटल निगरानी बढ़ा रही है।

“केंद्र सरकार पर ‘भारतीय जासूस पार्टी’ होने का आरोप क्यों लगाया गया?”

कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने डिजिटल निगरानी के कई कदम उठाए हैं, जैसे पेगासस जासूसी कांड, नमो ऐप डेटा लीक, और आयकर अधिनियम में बदलाव, जो नागरिकों की निजता को प्रभावित करते हैं।

“संचार नीति और नागरिकों की निजता पर क्या सवाल उठ रहे हैं?”

नीति की वजह से लोगों की ईमेल, क्लाउड, सोशल मीडिया, ऑनलाइन बैंकिंग और अन्य डिजिटल उपकरणों तक सरकार को छानबीन का अधिकार मिला है, जिससे निजता के अधिकार पर गंभीर चिंता जताई जा रही है।