प्रधानमंत्री मोदी ने टीबी उन्मूलन में जन भागीदारी मजबूत करने का आह्वान किया

प्रधानमंत्री मोदी ने टीबी उन्मूलन में जन भागीदारी मजबूत करने का आह्वान किया

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  • Publish Date - May 13, 2025 / 09:45 PM IST,
    Updated On - May 13, 2025 / 09:45 PM IST

नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तपेदिक (टीबी) उन्मूलन के लिए ‘‘संपूर्ण सरकार’’ और ‘‘संपूर्ण समाज’’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए जन भागीदारी को मजबूत करने का मंगलवार को आह्वान किया।

एक बयान के अनुसार, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने 2024 में तपेदिक (टीबी) रोगियों की शीघ्र पहचान और उपचार की सराहना की तथा कहा कि इसे देश भर में बढ़ाया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने हाल में संपन्न 100 दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा की, जिसमें मुख्य रूप से ध्यान दिये जा रहे जिलों को शामिल किया गया। अभियान के दौरान 12.97 करोड़ व्यक्तियों की जांच की गई और टीबी के 2.85 लाख बिना लक्षण वाले सहित 7.19 लाख मामले सामने आए।

मोदी ने शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ लोगों के व्यवसायों के आधार पर टीबी रोगियों की संख्या का विश्लेषण करने की आवश्यकता पर बल दिया।

बयान के अनुसार, इससे उन समूहों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिन्हें शुरुआती जांच और उपचार की आवश्यकता है, खासकर निर्माण, खनन, कपड़ा मिल और इसी तरह के क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिक।

स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकी में सुधार के साथ, निक्षय मित्रों (टीबी रोगियों के समर्थकों) को टीबी रोगियों से जुड़ने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

मोदी ने कहा कि वे संवाद और आसान तकनीक का उपयोग करके रोगियों को बीमारी और उसके उपचार को समझने में मदद कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चूंकि टीबी नियमित उपचार से ठीक हो सकता है, इसलिए लोगों में जागरूकता बढ़ानी चाहिए। उन्होंने टीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण कदम के रूप में जनभागीदारी के माध्यम से स्वच्छता के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने प्रत्येक रोगी तक व्यक्तिगत रूप से पहुंचने के प्रयासों का भी आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें उपयुक्त उपचार मिले।

समीक्षा बैठक के दौरान, मोदी ने डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) वैश्विक टीबी रिपोर्ट, 2024 के उत्साहजनक निष्कर्षों को रेखांकित किया। यह 2015 और 2023 के बीच, वैश्विक गति से दोगुनी रफ्तार से टीबी के मरीजों में 18 प्रतिशत की कमी, टीबी मृत्यु दर में 21 प्रतिशत की गिरावट और 85 प्रतिशत उपचार कवरेज की पुष्टि करता है, जो कार्यक्रम की बढ़ती पहुंच और प्रभावशीलता को दर्शाता है।

उन्होंने टीबी मरीजों की पहचान, प्रयोगशालाएं, रोग के उपचार से संबद्ध प्रमुख बुनियादी ढांचे में वृद्धि की भी समीक्षा की।

बयान के अनुसार, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में निःशुल्क जांच, उपचार और पोषण सहायता सहित टीबी उपचार से जुड़ी सभी सुविधाओं के विकेन्द्रीकरण को भी रेखांकित किया गया।

जांच के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस एक्स-रे मशीन, दवा प्रतिरोधी टीबी के लिए संक्षिप्त उपचार व्यवस्था, नये स्वदेशी आणविक निदान और पोषण तथा खदानों, चाय बागानों और निर्माण स्थलों जैसे स्थानों पर समय रहते रोगियों की पहचान जैसी कई नयी पहल को रेखांकित किया गया।

बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा, प्रधान सचिव-2 शक्तिकांत दास और प्रधानमंत्री के सलाहकार अमित खरे भी शामिल हुए।

भाषा सुभाष माधव

माधव