नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य खाद्य उद्योग उन्नयन योजना(पीएमएफएमई) ने छोटे उद्यमियों, किसानों और महिलाओं का कारोबार 1.7 गुना बढ़ाने में मदद की है।
उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान में उन्होंने बताया कि यह योजना छोटे उद्यमियों, किसानों और महिलाओं के लिए है और सभी राज्यों से इस योजना को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। मंत्री ने कहा कि यह योजना 2026 तक लागू है, लेकिन सभी राज्यों और नीति आयोग ने इसे बढ़ाने का अनुरोध किया है।
पूरक प्रश्नों के जवाब में उन्होंने कहा कि इस योजना का बजट 10,000 करोड़ रुपये है, जबकि पीएलआई योजना (2026 तक) का बजट भी 10,000 करोड़ रुपये है।
रवनीत सिंह ने बताया, “इस योजना के तहत लगभग 40 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएँ हैं। इस योजना ने कारोबार 1.7 गुना बढ़ाने में मदद की है। यदि किसी उद्यमी का कारोबार 10 लाख रुपये था, तो अब यह बढ़कर 17 लाख रुपये हो गया।”
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पीएमएफएमई योजना के तहत केंद्र सरकार 4,306.40 करोड़ रुपये राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को विभिन्न घटकों के कार्यान्वयन के लिए 31 अक्टूबर, 2025 तक जारी/आवंटित कर चुकी है।
मंत्री ने कहा कि खाद्य संसाधन उद्योग मंत्रालय ने योजना का तीसरे पक्ष के माध्यम से मध्यकालीन प्रभाव मूल्यांकन किया है। अध्ययन में यह पाया गया कि तकनीकी और वित्तीय सहायता का समेकन उद्यमियों को उनकी उत्पादन क्षमता, कारोबार और व्यवसाय वृद्धि बढ़ाने में मदद कर रहा है, जिससे आय सृजन, बाजार तक पहुँच और ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा मिला है।
उन्होंने बताया कि योजना की निगरानी के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों, बैंक, राज्य स्तरीय लेवल बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) और अन्य हितधारकों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं ताकि समय पर फंड का उपयोग और कार्यान्वयन की प्रगति सुनिश्चित की जा सके।
भाषा मनीषा माधव
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