जम्मू, 19 फरवरी (भाषा) केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने बुधवार को कहा कि वह केंद्र को यह मांग पूरी करने के लिए मजबूर करने के वास्ते सड़कों पर उतरने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर मुद्दा है कि सार्वजनिक प्रतिबद्धता (राज्य का दर्जा बहाल करने पर) पूरी न होने के कारण लोगों का प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर से विश्वास उठ रहा है।’’
कर्रा ने किश्तवाड़ में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का कार्यालय एक संस्था है और उनके द्वारा बोला गया कोई भी शब्द एक ईमानदार प्रतिबद्धता माना जाता है। लेकिन जिस तरह से लोगों से विश्वासघात किया जा रहा है, उसके आने वाले समय में दूरगामी परिणाम होंगे।’’
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर हुए थे, अन्यथा केंद्र पांच साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद चुनाव कराने और लोकतंत्र बहाल करने के लिए गंभीर नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने के लिए उच्चतम न्यायालय से भी निर्देश मिला था लेकिन केंद्र उसका पालन नहीं कर रहा है। कांग्रेस इस मुद्दे पर हरसंभव तरीके से लड़ रही है और इसे तार्किक निष्कर्ष तक ले जाएगी।’’
कर्रा ने कहा कि उनकी पार्टी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा था और नतीजों के बाद कांग्रेस को कैबिनेट में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन ‘‘हमने राज्य के दर्जे के सिद्धांत पर कायम रहने का फैसला किया।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारे नेतृत्व ने सही निर्णय लिया क्योंकि हम जानते थे कि राज्य के दर्जे के बिना सरकार अधूरी रहेगी और आज हम महसूस करते हैं कि हम सही साबित हुए हैं क्योंकि निर्वाचित सरकार को जनहित में छोटे छोटे फैसले लेने की अनुमति भी नहीं दी जा रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य का दर्जा जम्मू-कश्मीर के लोगों का अधिकार है और हम अपने अधिकार, सम्मान, पहचान और स्थिति की बहाली के लिए भीख नहीं मांगेंगे बल्कि इसके लिए लड़ेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आवश्यकता पड़ी तो हम सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं।’’
भाषा देवेंद्र माधव
माधव