Rohit Vemula Act in Karnataka || Image- The Swaddle
Rohit Vemula Act in Karnataka: नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर राज्य में ‘रोहित वेमुला अधिनियम’ लागू करने की मांग की है। इस अधिनियम का उद्देश्य शिक्षा संस्थानों में जाति-आधारित भेदभाव को रोकना है, जिससे सभी छात्रों को समान और सम्मानजनक वातावरण मिल सके।
राहुल गांधी ने कहा कि हाल ही में उन्होंने संसद में दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों के छात्रों और शिक्षकों से मुलाकात की, जहां उन्हें बताया गया कि इन समुदायों के लोगों को कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अब भी जातीय भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
Rohit Vemula Act in Karnataka: उन्होंने पोस्ट में लिखा, “बाबासाहेब अंबेडकर ने दिखाया कि शिक्षा वह माध्यम है जिससे वंचित तबकों को सशक्त किया जा सकता है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी लाखों छात्रों को जातिगत भेदभाव सहना पड़ रहा है। यह भेदभाव ही रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे प्रतिभाशाली छात्रों की मौत का कारण बना।”
16 अप्रैल को लिखे गए पत्र में, राहुल गांधी ने एक यात्रा के दौरान हुई घटना का जिक्र किया, जहां भोजन होते हुए भी उन्हें बिना खाए सोना पड़ा, क्योंकि उन्हें पानी तक नहीं मिल पाया — सिर्फ इसलिए क्योंकि वे ‘अछूत’ माने जाते थे।
Rohit Vemula Act in Karnataka: उन्होंने लिखा, “यह शर्मनाक है कि इतने वर्षों बाद भी शिक्षा व्यवस्था में ऐसा क्रूर भेदभाव मौजूद है। रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी की तरह किसी भी होनहार छात्र की जान नहीं जानी चाहिए।”
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि इस अन्याय पर अब रोक लगाने का समय आ गया है। उन्होंने सिद्धारमैया सरकार से ‘रोहित वेमुला कानून’ लागू करने की अपील की, जिससे भविष्य में किसी भी छात्र को ऐसी त्रासदी का सामना न करना पड़े।
Rohit Vemula Act in Karnataka: गौरतलब है कि रोहित वेमुला हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीएचडी छात्र थे। जनवरी 2016 में उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। कहा जाता है कि यूनिवर्सिटी द्वारा उनके खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई से वे मानसिक रूप से परेशान थे। उनकी आत्महत्या ने देशभर में जाति-आधारित भेदभाव के मुद्दे को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया था।
हाल ही में संसद में मेरी मुलाक़ात दलित, आदिवासी और OBC समुदाय के छात्रों और शिक्षकों से हुई थी। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें किस तरह कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जाति के आधार पर भेदभाव झेलना पड़ता है।
बाबासाहेब अंबेडकर ने दिखाया था कि शिक्षा ही वह साधन है जिससे… pic.twitter.com/gAwJxr0CIG
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 18, 2025